लखनऊ
दो साल बाद राजधानी का चारबाग स्टेशन, लखनऊ जंक्शन व गोमतीनगर स्टेशन वर्ल्ड क्लास होंगे। स्टेशनों पर बजट होटल से लेकर फूड कोर्ट की बड़ी चेन मौजूद होगी। ये तीनों स्टेशन एयरपोर्ट से भी बेतहर सुविधाओं से लैस हो जाएंगे। लोग राजधानी के होटलों के बजाय स्टेशनों पर ही उच्चस्तरीय खानपान सेवाओं का स्वाद चख सकेंगे।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) व नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) ने राजधानी के चारबाग स्टेशन सहित तीन प्रमुख स्टेशनों के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया है। करोड़ों रुपये खर्च करके निजी कंपनियां यात्रियों को स्टेशन की ओर आकर्षित करेंगी। टैक्सी व अपनी कार से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म तक स्वचलित सीढ़ियों से पहुंचने की सुविधा के साथ वीआईपी लाउंज की तर्ज पर कॉन्कोर्स होगा। रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रेलमंत्री पियूष गोयल ने इन योजनाओं का शिलान्यास किया।
नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी ने बताया कि चारबाग, लखनऊ जंक्शन व गोमतीनगर स्टेशनों का विकास सेल्फ सस्टेन फाइनैसिंग से किया जाएगा। इस पर होने वाला पूरा खर्च निजी कंपनियां उठाएंगी। जिन कंपनियों को टेंडर अवॉर्ड होगा वह बदले में रेलवे से लीज पर जमीन लेकर उसका कमर्शल उपयोग कर सकेंगी। रेलवे से ली जाने वाली जमीन पर निजी कंपनियां क्या-क्या काम कर सकेंगी इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की जा चुकी हैं।
दो साल बाद राजधानी का चारबाग स्टेशन, लखनऊ जंक्शन व गोमतीनगर स्टेशन वर्ल्ड क्लास होंगे। स्टेशनों पर बजट होटल से लेकर फूड कोर्ट की बड़ी चेन मौजूद होगी। ये तीनों स्टेशन एयरपोर्ट से भी बेतहर सुविधाओं से लैस हो जाएंगे। लोग राजधानी के होटलों के बजाय स्टेशनों पर ही उच्चस्तरीय खानपान सेवाओं का स्वाद चख सकेंगे।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) व नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) ने राजधानी के चारबाग स्टेशन सहित तीन प्रमुख स्टेशनों के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया है। करोड़ों रुपये खर्च करके निजी कंपनियां यात्रियों को स्टेशन की ओर आकर्षित करेंगी। टैक्सी व अपनी कार से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म तक स्वचलित सीढ़ियों से पहुंचने की सुविधा के साथ वीआईपी लाउंज की तर्ज पर कॉन्कोर्स होगा। रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रेलमंत्री पियूष गोयल ने इन योजनाओं का शिलान्यास किया।
नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी ने बताया कि चारबाग, लखनऊ जंक्शन व गोमतीनगर स्टेशनों का विकास सेल्फ सस्टेन फाइनैसिंग से किया जाएगा। इस पर होने वाला पूरा खर्च निजी कंपनियां उठाएंगी। जिन कंपनियों को टेंडर अवॉर्ड होगा वह बदले में रेलवे से लीज पर जमीन लेकर उसका कमर्शल उपयोग कर सकेंगी। रेलवे से ली जाने वाली जमीन पर निजी कंपनियां क्या-क्या काम कर सकेंगी इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की जा चुकी हैं।