मुंबई
त्योहार-पर्व आदि पर दुकानदार ग्राहकों से ज्यादा कीमत लेने, कम वजन और खराब क्वॉलिटी का माल बेचने से बाज नहीं आते। लेकिन सरकार उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए इन प्रवृत्तियों पर नजर रखती है और दोषियों पर धर-पकड़ करती है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट के नेतृत्व में लीगल मेट्रोलॉजी के कंट्रोलर ने अगस्त में कई दुकानदारों के यहां छापेमारी की।
कंट्रोलर और आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता के अनुसार, उन्हें उपभोक्ताओं की अनेक शिकायतें मिली थी जो ओवरचार्जिंग और अन्य अनियमितताओं जैसे कम वजन या आकार, खराब क्वॉलिटी आदि से संबंधित थी। इन शिकायतों के आधार पर उन्होंने एक डेटा बेस बनाया और पूरे महाराष्ट्र में 1201 शॉप्स का मुआयना किया और उनमें से 612 के विरुद्ध केस दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि इनमें से 305 केस उन दुकानदारों के विरुद्ध दर्ज किए जिन्होंने अपनी घोषणाओं में गलत जानकारी दी थी। 53 केस पैकेज्ड कमोडिटीज को तयशुदा कीमत से ज्यादा पर बेचने से संबंधित थे और 17 केस एमआरपी की अनदेखी के थे। 53 केस मिठाइयां कम तौलने के थे और 184 केस वजन-कांटा सही-सही नहीं रखने संबंधी थे।
गुप्ता ने बताया कि उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि यदि कोई दुकानदार एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूल करता है तो वह इसकी शिकायत कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस धरपकड़ में दोषी दुकानदारों से 50 लाख रुपये वसूल किए हैं। इन अपराधों के लिए मौद्रिक सजा 5 हजार से 25000 रुपये तक हो सकती है। बार-बार इस तरह के अपराध होने पर जेल की सजा और लाइसेंस निरस्त भी हो सकता है।