कोच्चि
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं की अबू-धाबी में रेस्तरां और बार सहित विदेश में कुछ संपत्ति होने के मामलों की जांच कर रहा है। केंद्रीय एजेंसी ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग केस में केरल में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में संगठन के सदस्यों के ठिकानों पर कई दस्तावेज मिले थे। ये दस्तावेज विदेशों में संपत्तियों के थे, जिसके बाद अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है। ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 8 दिसंबर को पीएफआई के सदस्य शफीक पेयथ के आवास पर छापेमारी की गई थी। शफीक पेयथ पीएफआई के एसडीपीआई पेरिंगाथुर, कन्नूर से जुड़ा है, पीएफआई के मलाप्पुरम में पेरमपादप्पु के डिविजनल अध्यक्ष बीपीअब्दुल रजाक, एर्णाकुलम के मुवाट्टुपुझा में पीएफआई नेता एमके अशरफ उर्फ तमर अशरफ/अशरफ खादर के मुन्नार में मनकुलम स्थित मुन्नार विला विस्टा परियोजना परिसर स्थित कार्यालय पर छापा मारकर कार्रवाई की गई थी।
सीआरपीएफ जवानों की मदद से की थी छापेमारी
पीएफआई ने छापेमारी की कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश की लेकिन एजेंसी ने सीआरपीएफ के जवानों की मदद मिली। इस दौरान अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, विदेश से धन प्राप्त करने और विदेश में संपत्ति रखने के सबूत मिले।
विभिन्न परियोजनाओं के बहाने मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी ने बताया कि जब्त दस्तावेजों से संकेत मिला है कि पीएफआई मुन्नार विला विस्टा परियोजना सहित केरल में विभिन्न परियोजनाओं के जरिए धनशोधन में संलिप्त है। बयान में कहा, 'पीएफआई नेताओं ने अबूधाबी में बार-रेस्तरां सहित विदेश में संपत्ति जमा करने के आरोप प्रवर्तन निदेशालय के संज्ञान में आए हैं जिसकी जांच की जा रही है।'
पीएफआई महासचिव ने लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
छापेमारी के दिन पीएफआई के महासचिव ने वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि ईडी की कार्रवाई उन्हें प्रताड़ित करने के लिए है और संगठन कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से इसके खिलाफ लड़ेगा।
सीएए विरोध प्रदर्शन में फंडिंग का है आरोप
पिछले साल, संगठन और उसके पदाधिकारियों पर कई छापेमारी के बाद, एजेंसी ने दिल्ली में ईडी मुख्यालय में शीर्ष पदाधिकारियों से पूछताछ की थी। PIF और RIF दोनों दिल्ली, अलीगढ़ समेत यूपी के अन्य हिस्सों में CAA विरोधी विरोध प्रदर्शनों के लिए कथित फंडिंग के लिए भी जांच के दायरे में हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं की अबू-धाबी में रेस्तरां और बार सहित विदेश में कुछ संपत्ति होने के मामलों की जांच कर रहा है। केंद्रीय एजेंसी ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग केस में केरल में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में संगठन के सदस्यों के ठिकानों पर कई दस्तावेज मिले थे। ये दस्तावेज विदेशों में संपत्तियों के थे, जिसके बाद अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
सीआरपीएफ जवानों की मदद से की थी छापेमारी
पीएफआई ने छापेमारी की कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश की लेकिन एजेंसी ने सीआरपीएफ के जवानों की मदद मिली। इस दौरान अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, विदेश से धन प्राप्त करने और विदेश में संपत्ति रखने के सबूत मिले।
विभिन्न परियोजनाओं के बहाने मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी ने बताया कि जब्त दस्तावेजों से संकेत मिला है कि पीएफआई मुन्नार विला विस्टा परियोजना सहित केरल में विभिन्न परियोजनाओं के जरिए धनशोधन में संलिप्त है। बयान में कहा, 'पीएफआई नेताओं ने अबूधाबी में बार-रेस्तरां सहित विदेश में संपत्ति जमा करने के आरोप प्रवर्तन निदेशालय के संज्ञान में आए हैं जिसकी जांच की जा रही है।'
पीएफआई महासचिव ने लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
छापेमारी के दिन पीएफआई के महासचिव ने वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि ईडी की कार्रवाई उन्हें प्रताड़ित करने के लिए है और संगठन कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से इसके खिलाफ लड़ेगा।
सीएए विरोध प्रदर्शन में फंडिंग का है आरोप
पिछले साल, संगठन और उसके पदाधिकारियों पर कई छापेमारी के बाद, एजेंसी ने दिल्ली में ईडी मुख्यालय में शीर्ष पदाधिकारियों से पूछताछ की थी। PIF और RIF दोनों दिल्ली, अलीगढ़ समेत यूपी के अन्य हिस्सों में CAA विरोधी विरोध प्रदर्शनों के लिए कथित फंडिंग के लिए भी जांच के दायरे में हैं।