धनंजय चौहान, फरीदाबाद
केरल, तमिलनाडू और उड़ीसा में कहर बरपा रहे निपाह वायरस से शहर वासियों को घबराने की जरुरत नहीं है। फरीदाबाद में इसका ज्यादा असर नहीं होने वाला है, क्योंकि यह वायरस मरे हुए चमगादड़ के यूरिन के संपर्क में आने से फैलता है। वहीं केरल की यात्रा पर जा रहे लोगों ने इसके चलते अपनी यात्रा कैंसल कर दी है। इसको लेकर हरियाणा सरकार ने भी सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है।
केरल और उड़ीसा सहित कुछ राज्यों में निपाह वायरस के संपर्क में आने से करीब 7 लोगों की मौत हो गई है। इसका असर शहर में भी देखने को मिल रहा है। केरल यात्रा पर जा रहे लोगों को निपाह वायरस के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने अपनी यात्रा कैंसल कर दी। एनआईटी तीन स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबयॉलजी विभाग की असोसिएट प्रफेसर डॉ सोनिया का कहना है कि बुखार, सिर दर्द या शरीर में दर्द होने पर परेशान होने की जरुरत नहीं है। पहले इसकी वजह को समझें कि आप कहां से आए हैं। अगर आप केरल से आए हैं और 18 दिन बाद आपको बुखार, नाक में दर्द, शरीर में दर्द की शिकायत पर तो तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निपाह वायरस मरे चमगादड़ व इनके खाए हुए फल, मरे हुए सुअर से भी फैलता है। सावधानी बरत कर इससे आसानी से बचा जा सकता है।
केरल टूर किया कैंसल
मैंने अपनी फैमली के साथ केरल जाने का प्लान बनाया था। टिकट भी करवा ली थी। निपाह के बारे में सुना तो बच्चों ने जाने से मना कर दिया। इसलिए जाना कैंसल कर दिया। -राजू, बाड़ मोहल्ला
ऑफिस के काम से केरल जाना था। जब से वहां वायरस के बारे में सुना है वहां जाना कैंसल कर दिया। कंपनी ने भी कुछ दिन बाद जाने के लिए बोला है। -महेश कौशिक, सेक्टर 29
मैं अपने परिवार के से केरल घूमने जा रहा था। दो दिन बाद मेरी टिकट थी। निपाह के बारे में पता चलने पर मैंने परिवार वालों से जाने का मना कर दिया। -शाहिल पराशर, ओल्ड फरीदाबाद
डॉक्टर से बात
गर्मी में निपाह वायरस का संक्रमण ज्यादा फैलने का खतरा रहता है। एक दूसरे को छूने से यह इंफेक्शन नहीं फैलता, लेकिन भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों को जाने से बचना चाहिए। इस रोग में करीब दो सप्ताह में मरीज को घबराहट होती है, बुखार और शरीर में दर्द होने की शिकायत होती है। अगर किसी को ऐसा होता है तो वह डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
-डॉ संदीप घोस, मेट्रो अस्पताल