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Alwar News : कांग्रेस MLA साफिया जुबेर पर खनन करवाने के नाम पर 40 लाख की घोखाधड़ी का आरोप, शिकायतकर्ता ने SP से लेकर राष्ट्रपति तक इच्छा मृत्यु का भेजा पत्र

कांग्रेस की रामगढ़ विधायक साफिया जुबेर पर अवैध खनन गिरोह बनाकर 40 लाख रुपए की ठगी का आरोप हरियाणा निवासी एक व्यक्ति ने लगाया है। शिकायतकर्ता ने जिला पुलिस अधीक्षक से लेकर राष्ट्रपति तक को इच्छा मृत्यु का प्रार्थना पत्र दिया है।

Edited byदेवेन्द्र कश्यप | Lipi 29 Apr 2022, 9:36 am
अलवर : राजस्थान के रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक साफिया जुबेर पर अवैध खनन का गिरोह बनाकर 40 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगा है। पीड़ित अरुण ने जिला पुलिस अधीक्षक से लेकर राष्ट्रपति तक इच्छा मृत्यु का प्रार्थना पत्र दिया है। पीड़ित अरुण कुमार पुत्र रामप्रताप निवासी बुशात तहसील तोषाम जिला भिवानी हरियाणा का निवासी है। पीड़ित अरुण का आरोप है कि रामगढ़ विधायक साफिया जुबेर ने रामगढ़ क्षेत्र के पहाड़ों में अवैध खनन करने के लिए एक गिरोह बनाया हुआ है। विधायक और इनका गिरोह पहाड़ व खान लेने का काम करते हैं और अवैध रूप से बंद पडी खानों को नाजायज तौर पर अपनी खान बताकर पट्टा पर देने के लिए कहकर पैसे ऐंठ लेते हैं।
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अरुण कुमार का आरोप है कि सरकारी काम के ठेको के निर्माण कार्य की एसटीपी लेकर खनन किया जाता हैं। नियमों को ताख पर रखकर खनन किया जाता हैं। अवैध रूप से पहाड़ो में ब्लाटिंग और फर्जी रवन्ने से खनन कर बाहर सप्लाई करवाया जाता है। पीड़ित और विधायक साफिया के बीच बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं। जिसमे पीड़ित अरुण और साफिया खान बातचीत कर रहे हैं। रामगढ़ विधायक लागत लगाने वालों को अपना संरक्षण देने की एवज में 50 फिसदी मुनाफा लेती हैं। इसका भी एसटीपी पर कार्य के दौरान हिसाब की एक पर्ची पर मैडम जी लिखकर उनका हिस्सा का मुनाफा दर्शाया गया है।

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पीड़ित अरुण द्वारा रिकॉर्डेड एक फोन कॉल में विधायक साफिया जुबेर पीड़ित अरुण को बिना रवन्ना पत्थर सप्लाई करने की सीख दे रही हैं। अर्थात सरकार में शामिल विधायक स्वयं सरकारी आमदनी की चोरी करने की बात समझा रही हैं। वह भी तब जबकि यह पूरा मामला अवैध खनन से जुड़ा है। जिसमें ना खान मालिक का पता है और ना ही लीज के वैध अथवा अवैध होने का पता है।

कोविड काल के दौरान एक ऑडियो क्लिप में विधायक पीड़ित से खान से निकाले जा चुके पत्थर की मात्रा पूछ रही है, जिसमें करीब 18 हजार टन पत्थर निकाले जाने के बावजूद विधायक काम की गति तेज करने की नसीहत दे रही हैं। पीड़ित ने बताया कि फरवरी 2022 तक वह खान से करिब 70 से 80 हजार टन पत्थर निकाल कर इन्हें सौंप चुका था।

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पीड़ित के अनुसार विधायक ने दिल्ली बडौदरा एक्सप्रेस वे के नाम से किसी कंपनी के नाम खनन विभाग से एसटीपी करवाई थी, लेकिन इस खान से एक भी पत्थर सड़क निर्माण के लिए सप्लाई नहीं किया गया। ज्यादातर पत्थर हाजीपुर स्थित विधायक की पार्टनरशिप वाली क्रेशर सहित मानकी गांव की क्रेशर अथवा पाली और फरीदाबाद जाता था।

कमाई में विधायक का पार्टनरशिप
पीड़ित अरुण के अनुसार खान की सफाई से लेकर पत्थर निकालकर देने का काम उसे दिया गया था। पत्थर का रेट करीब 150 से 170 रुपये प्रति टन का है। सभी खर्चे सहित उसे ₹85 प्रति टन मिलना तय हुआ था। जबकि पत्थर बिक्री पर प्राप्त 70 से 80 रुपये प्रति टन की कमाई का आधा हिस्सा विधायक और आधा हिस्सा शेष गिरोह के लिए तय था।

पीड़ित अरुण ने बताया कि एक जिम्मेदार पद पर बैठी विधायक के बहकावे में आकर उसने रामगढ़ के मानकी पहाड़ में 11 अप्रैल 2021 से एसटीपी पर पहाड़ पर बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर काम शुरू कर दिया। पहाड़ से मलबा आदि हटाकर पत्थर के लिए खान तैयार करने में उसका करीब 40 लाख रपया खर्चा हो गया। इसके बाद जब पीड़ित अरुण ने एसटीपी का पट्टा बतौर एग्रीमेंट अपने नाम करवाने को कहा तो गिरोह के सदस्य हरप्रीत ने कहा कि उनके भाई कोरोना के कारण नहीं आ रहे हैं। वह काम चालू रखे।

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इसी तरह आरोपी विधायक साफिया व छीतरमल से बात की तो उन्होंने भी टाल मटोल करते हुए काम जारी रखने की बात कहते रहे। अरुण ने बताया कि 40 लाख की लागत से तैयार खान कमाई का समय आया तो विधायक और उसके गिरोह ने लीज को विनायक केशर के मालिक योगेश यादव को काम करने के लिए पट्टा पर दे दिया ।जबकि मौके पर मै काबिज होकर कार्य कर रहा था। जब आपत्ति जताई तो विधायक सहित सभी ने पूरी लागत देने का भरोसा देकर काम अपने हाथ में ले लिया।

पैसा वापसी का दिया भरोसा, अब कर रहीं इनकार
अरुण द्वारा रिकॉर्ड की गई फोन कॉल में विधायक पीड़ित को हर बार पैसा वापसी का भरोसा दिलाती रही हैं। कई कॉल्स में विधायक दिल्ली और जयपुर होने का बहाना बनाते हुए सुनाई दे रही हैं। पीड़ित ने बताया कि उस पर खान छोड़ कर जाने और योगेश यादव को कब्जा देने का दबाव बनाया गया। जब कब्जा देने से इनकार किया तो गिरोह ने उसके साथ मारपीट कर उसे भागने को मजबूर कर दिया। कब्जा छोड़ देने के बाद विधायक उसे हर बार आश्वासन देती रही। लेकिन अब पैसा देने से इनकार कर दिया है। उक्त दोषियों के धोखाधड़ी करने के सभी फोन कॉल रिकॉर्ड उसके पास मौजूद है।

पीड़ित अरुण ने जिला पुलिस अधीक्षक, डीजीपी, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखित इच्छा मृत्यु प्रमाण पत्र में आरोपी विधायक एवं इसके गिरोह से पैसा वापसी दिलाने की मांग की है। पीड़ित ने बताया कि इस गिरोह की धोखाधड़ी के कारण वह कंगाल हो गया है। यदि पैसा वापस नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगा।

रामगढ़ एसएचओ कर रहे मामले की जांच
एसपी अलवर तेजस्वनी गौतम ने बताया कि उन्हें ट्विटर के जरिए टैग करते हुए एक शिकायत मिली है, जिसमें रामगढ़ विधायक सफिया जुबे सहित चार लोगों के नाम हैं। लेनदेन का विवाद का मामला है। इस मामले में रामगढ़ एसएचओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, इस मुद्दे पर रामगढ़ विधायक से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की गई। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
लेखक के बारे में
देवेन्द्र कश्यप
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में महुआ टीवी, जी न्यूज, ईनाडु इंडिया, राजस्थान पत्रिका, ईटीवी भारत से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ सीखने की कोशिश। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि।... और पढ़ें

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