शरद टांक,सिरोही
माउंट आबू में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच के आदेश एडिशनल एसपी मिलन कुमार जोहिया को दिए है। तो वहीं मीडिया में छपी खबरों पर भी पुलिस पर संज्ञान लेते हुए एक अलग से जांच शुरू कर दी। एसपी ने बताया कि पुलिस पर दबाव बनाकर नाम निकालने के आरोप झूठे है, जब पीड़िता के पिता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सर्वप्रथम अपहरण का मामला दर्ज करवाया तो फिर दुष्कर्म में नाम निकालने की बात कैसे सच मानी जा सकती है । फिर भी इस मामले की जांच करवा रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके। पीड़िता के 164 के बयानों के आधार पर घटनाक्रम में अन्य आरोपियों को वेरीफाई करते हुए जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।
मामला देरी से दर्ज होने पर बोली माउंट आबू एसएचओ
माउंट आबू एसएचओ सरोज बैरवा ने कहा कि ऐसा कुछ भी मामला नहीं है। लड़की नशे की आदी है , खुद ही घर छोड़कर बार-बार बाहर निकल जाती है । मां बाप को भी पता नहीं होता। हम उस समय राज्यपाल की ड्यूटी में थे और किसी मीडिया वाले ने हम से इस संबंध में कुछ नहीं पूछा ,ना हमने जानबूझकर आगे होकर बताना जरूरी नहीं समझा। क्योंकि मामला नाबालिग से जुड़ा था।
पीड़ित के परिजन पहली बार थाने गए तो दर्ज नहीं करने का आरोपएसएचओ सरोज बैरवा ने बताया कि वह उस दिन मेरे पास आए थे। माउंट आबू में कितने लोगों को खड़ा कर दूं ,जो उस दौरान घटनाक्रम को बता सकते हैं। जब पाड़िता के परिजन मेरे पास आए, उन्होंने खुद आरोपियों से 15 लाख रुपए मांगने की बात कही थी। एसएचओ सरोज का कहना है कि मैंने उनकी बाते सुनकर कहा था कि क्या आप यहां आकर बेटी का सौदा कर रहे हो क्या?, इस बात को लेकर मैंने उनको धमकाया भी , लेकिन वो बजाए न्याय की बात करने के , खुद लालच में आ चुके हैं। अब लोगों को मिसइंटरप्रिटेट कर रहे हैं।
माउंट आबू में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच के आदेश एडिशनल एसपी मिलन कुमार जोहिया को दिए है। तो वहीं मीडिया में छपी खबरों पर भी पुलिस पर संज्ञान लेते हुए एक अलग से जांच शुरू कर दी। एसपी ने बताया कि पुलिस पर दबाव बनाकर नाम निकालने के आरोप झूठे है, जब पीड़िता के पिता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सर्वप्रथम अपहरण का मामला दर्ज करवाया तो फिर दुष्कर्म में नाम निकालने की बात कैसे सच मानी जा सकती है । फिर भी इस मामले की जांच करवा रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके। पीड़िता के 164 के बयानों के आधार पर घटनाक्रम में अन्य आरोपियों को वेरीफाई करते हुए जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।
मामला देरी से दर्ज होने पर बोली माउंट आबू एसएचओ
माउंट आबू एसएचओ सरोज बैरवा ने कहा कि ऐसा कुछ भी मामला नहीं है। लड़की नशे की आदी है , खुद ही घर छोड़कर बार-बार बाहर निकल जाती है । मां बाप को भी पता नहीं होता। हम उस समय राज्यपाल की ड्यूटी में थे और किसी मीडिया वाले ने हम से इस संबंध में कुछ नहीं पूछा ,ना हमने जानबूझकर आगे होकर बताना जरूरी नहीं समझा। क्योंकि मामला नाबालिग से जुड़ा था।
पीड़ित के परिजन पहली बार थाने गए तो दर्ज नहीं करने का आरोपएसएचओ सरोज बैरवा ने बताया कि वह उस दिन मेरे पास आए थे। माउंट आबू में कितने लोगों को खड़ा कर दूं ,जो उस दौरान घटनाक्रम को बता सकते हैं। जब पाड़िता के परिजन मेरे पास आए, उन्होंने खुद आरोपियों से 15 लाख रुपए मांगने की बात कही थी। एसएचओ सरोज का कहना है कि मैंने उनकी बाते सुनकर कहा था कि क्या आप यहां आकर बेटी का सौदा कर रहे हो क्या?, इस बात को लेकर मैंने उनको धमकाया भी , लेकिन वो बजाए न्याय की बात करने के , खुद लालच में आ चुके हैं। अब लोगों को मिसइंटरप्रिटेट कर रहे हैं।