नोएडा
प्रख्यात शायर आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी (Gulzar Dehlvi Death) का शुक्रवार को नोएडा के कैलाश अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। रविवार को वह ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल से कोरोना वायरस (Coronavirus Latest News) से जंग जीतकर सेक्टर 26 स्थित अपने घर लौटे थे। शुक्रवार दोपहर में देहलवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिवार वालों ने उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल (Kailash Hospital) में भर्ती कराया।
आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी का जन्म सात जुलाई 1926 को हुआ था। उर्दू शायरी और साहित्य में योगदान के लिए उन्हें 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया। वर्ष 2009 में उन्हें मीर तकी मीर पुरस्कार (mir taqi mir Award) से भी सम्मानित किया गया।
पढ़ें: कोरोना केस 3 लाख पार, एक राज्य में ही 1 लाख
'...फिर हो गया निधन'गुलजार देहलवी के बेटे अनूप जुत्थी ने बताया कि हम सात जून को उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट दोबारा निगेटिव आने के बाद उन्हें घर ले आए थे। तकरीबन ढाई बजे शुक्रवार को हमने खाना खाया, जिसके बाद उनका निधन हो गया। देहलवी भारत सरकार की ओर से 1975 में प्रकाशित पहली उर्दू विज्ञान पत्रिका 'साइंस की दुनिया' के संपादक भी रहे।
प्रख्यात शायर आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी (Gulzar Dehlvi Death) का शुक्रवार को नोएडा के कैलाश अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। रविवार को वह ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल से कोरोना वायरस (Coronavirus Latest News) से जंग जीतकर सेक्टर 26 स्थित अपने घर लौटे थे। शुक्रवार दोपहर में देहलवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिवार वालों ने उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल (Kailash Hospital) में भर्ती कराया।
आनंद मोहन जुत्शी उर्फ गुलजार देहलवी का जन्म सात जुलाई 1926 को हुआ था। उर्दू शायरी और साहित्य में योगदान के लिए उन्हें 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया। वर्ष 2009 में उन्हें मीर तकी मीर पुरस्कार (mir taqi mir Award) से भी सम्मानित किया गया।
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'...फिर हो गया निधन'गुलजार देहलवी के बेटे अनूप जुत्थी ने बताया कि हम सात जून को उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट दोबारा निगेटिव आने के बाद उन्हें घर ले आए थे। तकरीबन ढाई बजे शुक्रवार को हमने खाना खाया, जिसके बाद उनका निधन हो गया। देहलवी भारत सरकार की ओर से 1975 में प्रकाशित पहली उर्दू विज्ञान पत्रिका 'साइंस की दुनिया' के संपादक भी रहे।