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मुस्लिम के घरों पर बुलडोजर, गोहत्‍या... पीएम मोदी की यात्रा से पहले अमेरिका का बड़ा हमला, दी नसीहत

US Religious Freedom Report India: अमेरिका ने एक बार फिर से धार्मिक स्‍वतंत्रता को लेकर भारत पर निशाना साधा है। अमेरिका ने कहा कि भारत में सरकारें खुलेआम धार्मिक समुदाय के सदस्‍यों को निशाना बनाती हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्‍वतंत्रता रिपोर्ट जारी की है। पीएम मोदी की यात्रा से पहले इस रिपोर्ट के आने से तनाव बढ़ सकता है।

Edited byशैलेश कुमार शुक्ला | भाषा 16 May 2023, 11:15 am

हाइलाइट्स

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा से पहले बाइडन प्रशासन ने बड़ा हमला बोला है
  • अमेरिका ने कहा कि भारत में सरकारें धार्मिक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाती रही हैं
  • अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की
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नवभारतटाइम्स.कॉम us india modi
अमेरिका ने भारत पर धार्मिक स्‍वतंत्रता को लेकर हमला बोला
वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा से पहले बाइडन प्रशासन ने बड़ा हमला बोला है। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि रूस, भारत, चीन और सऊदी अरब समेत कई देशों की सरकारें खुलेआम धार्मिक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाती रही हैं। विदेश विभाग ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की जो दुनिया भर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति का दस्तावेजीकरण करती है। इसमें मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाने और मध्‍य प्रदेश के खरगोन में मुस्लिमों के घरों पर हमले का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट 2022’ जारी किये जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के विशेष राजदूत रशद हुसैन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कई सरकारों ने अपनी सीमाओं के भीतर धार्मिक समुदाय के सदस्यों को खुले तौर पर निशाना बनाना जारी रखा है।’ रिपोर्ट दुनिया भर के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में एक तथ्य-आधारित, व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है। ब्लिंकन ने कहा, ‘इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों को उजागर करना है जहां जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का दमन किया जा रहा है और अंततः प्रगति को एक ऐसी दुनिया की ओर ले जाना है जहां धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता हर जगह हर किसी के लिए एक वास्तविकता हो।’
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अमेरिका ने मुस्लिमों पर भारत को दी नसीहत


ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणियों में भारत का जिक्र नहीं किया और वार्षिक रिपोर्ट में भारत के संदर्भ वाला हिस्सा पूर्व के वर्षों के समान ही है। हुसैन ने धार्मिक समुदायों को खुले तौर पर निशाना बनाने वाली सरकारों के संदर्भ में रिपोर्ट के अहम निष्कर्षों में भारत का जिक्र किया है। हुसैन ने रूस के बाद चीन और अफगानिस्तान समेत उन कुछ देशों का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत भर में विविध धार्मिक समुदाय से जुड़े कानून के हिमायती और धार्मिक नेताओं ने हरिद्वार शहर में मुस्लिमों के खिलाफ घोर नफरती भाषा के मामलों की निंदा की और देश का आह्वान किया कि उसके ऐतिहासिक बहुलवाद एवं सहिष्णुता की परंपरा को बनाए रखा जाए। बर्मा (म्यांमा) सैन्य प्रशासन रोहिंग्या आबादी को लगातार दबा रहा है जिससे कई लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर गए हैं।’


दस्तावेज के भारत खंड में कहा गया है कि इस वर्ष के दौरान कई राज्यों में धार्मिक अल्पसंख्यक सदस्यों के खिलाफ कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा हिंसा की कई रिपोर्ट सामने आई, जिसमें गुजरात में सादी वर्दी में पुलिस द्वारा अक्टूबर में एक त्योहार के दौरान हिंदू उपासकों को घायल करने के आरोपी चार मुस्लिम पुरुषों को सार्वजनिक रूप से पीटने और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल में खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुस्लिमों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने का मामला भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम समुदाय के पांच प्रमुख सदस्यों से उनकी चिंताओं को सुनने और मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
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गोकशी पर क्‍या बोला अमेरिका


रिपोर्ट के अनुसार, ‘2021 में भागवत ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि देश में हिंदुओं और मुस्लिमों के साथ धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवहार नहीं करना चाहिए और गोकशी के लिए गैर-हिंदुओं की हत्या हिंदुत्व के खिलाफ है।’ अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की अध्यक्ष नूरी तुर्केल ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनकर्ताओं को जवाबदेह ठहराने और वैश्विक धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में सुधार करने की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
लेखक के बारे में
शैलेश कुमार शुक्ला
शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।... और पढ़ें

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