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अब 5 महीने बाद बनेगा शनि अमावस्या का शुभ संयोग, ऐसे पाएं लाभ

18 नवंबर शनिवार को शनि अमावस्या का संयोग बना है। यह अमावस्या शनि महाराज को अत्यंत प्रिय है। दरअसल इसके पीछे एक खास कारण है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 18 Nov 2017, 11:55 am
18 नवंबर शनिवार को शनि अमावस्या का संयोग बना है। यह अमावस्या शनि महाराज को अत्यंत प्रिय है। दरअसल इसके पीछे एक खास कारण है। ज्योतिषशास्त्र में शनि महाराज को दंडाधिकारी और पाप ग्रह कहा गया है।
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शनि महाराज दो राशि राशियों मकर और कुंभ के स्वामी भी माने गए हैं। ऐसा माना गया है कि जब भी शनि अपनी महादशा, अन्तर्दशा और गोचर के दौरान मनुष्य को उनके पूर्व में किए गए कर्मों के अनुसार शुभ और अशुभ फल देते हैं। इसलिए इनके गोचर ढैय्या और साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को काफी संघर्ष करना पड़ता है।

18 नवंबर को शनि अमावस्या, लाभ के लिए करें ये उपाय

ज्योतिषशास्त्र में शनिवार को शनि का दिन माना गया है और उस दिन अगर अमावस्या तिथि हो तो इस दिन का महत्व और बढ जाता है और इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्येष्ठ मास की शनि अमावस्या के दिन ही शनि महाराज का जन्म हुआ था।

शनि अमावस्या के दिन काले जूते, कंबल, ऊनी वस्त्र, सरसो तेल का दान और शनि महाराज की पूज और दीप दान करना बहुत ही शुभ फलदायी कहा गया है। इससे शनि महाराज अपनी महादशा, अन्तर्दशा और गोचर के दौरान अधिन नहीं सताते हैं और परेशानियों का सामना करने की क्षमता भी देते हैं।

इससे पहले इस वर्ष 24 जून को शनि अमावस्या का संयोग बना था और अब साल 2018 में 17 मार्च को यह शुभ संयोग बनेगा। यानी इस समय मौके के लाभ नहीं उठा पाए तो अब 5 महीने के बाद आपको शनि महाराज को खुश करने का अवसर मिलेगा।

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