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चाणक्य नीति, 4 काम, इसे अकेले ही करना होता है बेहतर

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई जीवन से जुड़ी कई अहम बातों के बारे में बताया है। जिनका पालन करने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता है। तो आइए जानते हैं जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किस काम को कितने लोगों के साथ करना चाहिए।

Edited byआयुषी त्यागी | नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Jun 2022, 3:25 pm
Chanakaya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई बातों के बारे में बताया है। जिनका पालन करने से व्यक्ति जीवन की कई समस्याओं का समाधान पा सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का जिक्र किया है कि कौन सा काम कब करना चाहिए या किस काम को कितने लोगों के साथ करना चाहिए। तभी इस काम में आपको सफलता मिलने की संभावनाएं बनती हैं। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य की इन नीतियों के बारे में...
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चार लोगों के साथ करें यात्रा
चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को यात्रा हमेशा 4 लोगों के साथ मिलकर ही करनी चाहिए। यदि आप अकेले यात्रा करेंगे तो ज्यादा जोखिम उठाना पड़ सकता है। दरअसल, दो लोग किसी मुसीबत का सामना ठीक से नहीं कर पाते हैं। इसलिए अगर यात्रा में कम से कम 4 लोग हो तो एक दूसरे का सहारा बना रहते गैं।

पढ़ाई दो लोगों के साथ करें
चाणक्य के अनुसार, लोगों को पढ़ाई 2 लोगों के साथ मिलकर करनी चाहिए। इससे ज्यादा लोगों के एक स्थान पर बैठकर पढ़ाई करने से सभी का ध्यान भटक सकता है। ऐसे में आप ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। वहीं, अगर दो लोग एक साथ पढ़ाई करते हैं तो किसी विषय में अटकने पर आप एक दूसरे से मदद ले सकते हैं।

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तपस्या अकेले में करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, तपस्या हमेशा अकेले में ही करनी चाहिए। क्योंकि, अगर आप कई लोगों के साथ तपस्या करेंगे तो आपका ध्यान भटक सकता है। इसलिए तपस्या हमेशा अकेले में ही करना चाहिए। तपस्या ठीक से होगी तभी आप अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे।

मनोरंजन अधिक लोगों के साथ
अगर आप किसी मनोरंजक कार्यक्रम पर जा रहे हैं तो कम से कम 3 लोगों के साथ जाना चाहिए। आचार्य चाणक्य का मानना है कि मनोरंजन के लिए लोगों की संख्या 3 से अधिक हो सकती है। लेकिन ऐसे में आपको मनोरंजन का पूरा आनंद नहीं मिल पाएगा।

युद्ध पर बहुत से सहायकों के साथआचार्य चाणक्य का कहना है कि कभी भी जोश में आकर युद्ध के लिए अकेले नहीं जाना चाहिए। क्योंकि, युद्ध में आपके पक्ष में जितने लोग होंगे। आपके जीतने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। इसलिए युद्ध पर जाते समय अधिक सहायकों को अपने साथ लेकर जाना चाहिए।
लेखक के बारे में
आयुषी त्यागी
आयुषी त्यागी को मीडिया के विभिन्न संस्थानों में इनका 6 साल का कार्यानुभव रहा है। ज्योतिष और धर्म पर बीते 2 सालों से काम का अनुभव है। इन्होंने वैदिक ज्योतिष, अंकज्योतिष और टैरो के साथ हस्तरेखा और वास्तु एवं फेंगशुई पर भी अध्ययन किया है और अपने ज्ञान और अनुभव से लोगों को उचित ज्योतिषीय उपाय बताकर परेशानियों से निकलने में सहायता करती है। इसके अलावा इन्होंने राजनीतिक विषयों पर पर भी मीडिया संस्थानों में काम किया है। खाली समय में धर्म-ग्रंथों का अध्ययन और चिंतन करने के साथ ही यात्रा और संगीत का भी आनंद लेती हैं।... और पढ़ें

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