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चाणक्‍य नीति : इन 3 चीजों को प्राप्‍त कर लेना स्‍वर्ग प्राप्‍त कर लेने के समान

अगर आपको धरती पर ही स्‍वर्ग का आभाष करना है तो आपके जीवन में इन चार चीजों का होना जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि किन 3 चीजों के होने पर मनुष्‍य के लिए धरती ही स्‍वर्ग के समान हो जाती है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये 3 चीजें

Authored byगीतिका दुबे | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Jul 2022, 10:34 am
यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
नवभारतटाइम्स.कॉम chankya-neeti

विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि॥


आचार्य चाणक्‍य ने अपनी नीतियों के माध्‍यम से यह बताया है कि व्‍यक्ति के लिए धरती पर संतोष का क्‍या अर्थ है। अगर आपको धरती पर ही स्‍वर्ग का आभाष करना है तो आपके जीवन में इन चार चीजों का होना जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि किन 3 चीजों के होने पर मनुष्‍य के लिए धरती ही स्‍वर्ग के समान हो जाती है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये 3 चीजें।

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बेटा आज्ञाकारी हो

चाणक्‍य का मानना है कि जिसका बेटा आज्ञाकारी हो उन माता-पिता के लिए यह धरती स्‍वर्ग से कम नहीं है। इसका अभिप्राय इस बात से है कि जिन माता-पिता का बेटा अपने नैतिक कर्तव्‍यों का पालन करते हुए उनकी सभी जरूरतों का ध्‍यान रखता है उनके लिए यह धरती स्‍वर्ग से कम नहीं है। ऐसे माता-पिता को अपने बेटे पर गर्व होता है।

जिसकी पत्‍नी हो ऐसी

ऐसा व्‍यक्ति जिसकी पत्‍नी उसकी हर बात मानती हो और पति की इच्‍छा के अनुरूप हर कार्य करती हो, उस पुरुष के लिए भी यह धरती स्‍वर्ग से कम नहीं है। आज के दौर में यह बात पति पर भी लागू होती है कि अगर वह अपनी धर्मपत्‍नी की बात मानता है तो उसके लिए भी धरती स्‍वर्ग से कम नहीं है। इस बात का तात्‍पर्य यह है कि पति और पत्‍नी दोनों को एक-दूसरे का सम्‍मान करना चाहिए और एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए।

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पर्याप्‍त हो यह चीज

चाणक्‍य ने तीसरी चीज जो बताई है वह धन है। जिस व्‍यक्ति के जीवन में धन की कमी नहीं है, वह भी संतुष्‍ट है और उसके लिए भी धरती स्‍वर्ग से कम नहीं है। अर्थ है कि जिस व्‍यक्ति के पास इतना धन हो कि वह अपने सभी कर्तव्‍यों का निर्वहन अच्‍छे ढंग से कर सके। यानी कि संतान और माता-पिता से जुड़े सभी कर्तव्‍यों को पूरा करने में धन की कमी आड़े न आए तो यह भी स्‍वर्ग से कम नहीं है।
लेखक के बारे में
गीतिका दुबे
गीतिका दुबे का बतौर पत्रकार करियर 11 साल का है। वह ज्योतिष विद्या में ग्रह गोचर, टैरो, अंक ज्योतिष पर 6 साल से काम कर रह रही हैं। धार्मिक विषयों पर भी इनका ज्ञान समृद्ध है। इन्होंने गरुड़ पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, मत्स्य पुराण, भविष्य पुराण सहित वास्तु विज्ञान का गहरा अध्ययन किया है। और अब इससे जनमानस को लाभ दिला रही हैं। खाली वक्त में इन्‍हें यात्रा करना और संगीत सुनना पसंद है। प्रेरक कथाएं पढ़ना भी इनको पसंद है। भगवान शिव और भगवान राम की लीला कथाओं का अध्ययन और उनका विश्लेषण करना इनका प्रमुख और प्रिय विषय है।... और पढ़ें

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