राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जिन लोगों पर ऊपरी हवा रहती है, ऐसे भक्त भी यहां निदान के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहां आकर दुष्ट आत्मा, भूत-पिशाच से छुटकारा मिल जाता है। इसे लोग दिव्यशक्ति से प्रेरित शक्तिशाली मंदिर मानते हैं। आपको जानकर हैरत होगी लेकिन लोगों पर से भूत का साया हटाने लिए उन पर खौलता पानी डाला जाता है। इसके अलावा लोगों को मंदिर की दीवारों से बांधकर भूत भगाए जाते हैं। कहते हैं कि यहां का प्रसाद घर लेने से भूत-प्रेत का साया साथ जाने का डर बना रहता है, इसलिए यहां भोग लगा हुआ प्रसाद घर नहीं ले जाना चाहिए।
उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित बेताला मंदिर में मां चामुंडा की मूर्ति विराजमान है। लोगों के भीतर छिपी बुरी शक्तियों को भगाने के लिए यहां तांत्रिक शक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। आप कभी इस मंदिर में जाएं, तो देखेंगे कि यहां तांत्रिक प्रक्रिया लगातार चलती रहती है, जिन्हें देखकर आप डर भी सकते हैं। सच में भक्त भूत का साया लेकर यहां आते हैं और बाधा दूर करके ही घर लौटते हैं।
माना जाता है कि सबसे ज्यादा तंत्र साधना बंगाल में होती है। कोलकाता के कालीघाट मंदिर ऐसा दिखाई भी देता है। भूत पिशाच, आत्मा से परेशान लोग यहां अपना इलाज कराने आते हैं। इस मंदिर का माहौल इतना भयानक होता है कि नॉर्मल इंसान देखकर डर जाए।
भूत-पिशाच भगाने के लिए मध्यप्रदेश का देवजी महाराज मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में चांदनी रात में भूत निकाले जाते हैं। कहते हैं कि जिन लोगों के भीतर बुरी आत्माओं का वास होता है, उनके अंदर से इन सायों को उतारने के लिए मंदिर के पुजारी पवित्र झाड़ू से वार करते हैं। यह भी मान्यता है कि भूतों को झाड़ू से बहुत डर लगता है। दिलचस्प बात है कि इस मंदिर में हर साल भूत मेला भी लगता है।
गुजरात के कष्टभंजन हनुमानजी मंदिर में लोगों के अंदर से भूत भगाने का दावा किया जाता है। दुष्ट आत्माओं से पीड़ित लोग अक्सर यहां अपना इलाज कराने आते हैं।
मध्यप्रदेश में स्थित दत्तात्रेय मंदिर में लोग पूर्णिमा और अमावस्या पर होने वाली महामंगल आरती में शामिल होने आते हैं। इस मंदिर में कई बार भूत पिशाच के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने का दावा किया जाता है।
हरिद्वार उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यहां चंडी देवी का मंदिर, भूत और बुरी आत्माओं को भगाने के लिए काफी मशहूर है। चंडी देवी को क्रोध की देवी कहा जाता है, इसलिए जिन लोगों पर भूतों का साया होता है, वो यहां आकर अपने आप ही उतर जाता है।