मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मेष राशि के व्यक्ति कृष्ण जन्म के बाद स्नान व ध्यान करने के बाद लाल रंग की पोशाक पहनाएं और माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर वृषभ राशि के व्यक्ति भगवान कृष्ण का चांदी के वर्क से श्रृंगार करें और उनको माखन का भोग लगाएं। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
मिथुन राशि के स्वामी बुध देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मिथुन राशि के व्यक्ति कान्हा के जन्म के बाद लहरिया वस्त्र पहनाएं और उनको दही का भोग लगाएं। इसके साथ ही कृष्ण चालीसा का पाठ करें।
कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं और भगवान कृष्ण ने जन्माष्टमी पर चंद्रवंश में ही जन्म लिया था। इसलिए कर्क राशि के व्यक्ति कान्हा के जन्म के बाद सफेद रंग की पोशाक पहनाएं और दूध व केसर का भोग लगाएं।
सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर सिंह राशि के व्यक्ति कान्हा के जन्म के बाद गुलाबी रंग की पोशाक पहनाएं और उनको माखन मिश्री का भोग लगाएं।
कन्या राशि के स्वामी बुध देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कन्या राशि के व्यक्ति कान्हा के जन्म के बाद हरे रंग की पोशाक पहनाएं और उनको मेवे की बर्फी का भोग लगाएं। इसके साथ ही कृष्ण चालीसा का पाठ करें।
तुला राशि के स्वामी शुक्र देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर तुला राशि के व्यक्ति भगवान कृष्ण का गुलाबी या फिर केसरिया रंग की पोशाक पहनाएं और उनको माखन मिश्री का भोग लगाएं।
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर वृश्चिक राशि के व्यक्ति पंचामृत से कृष्ण का अभिषेक करें और लाल रंग की पोशाक पहनाएं। भोग में कान्हा को मावा, माखन, या घी अर्पित करें।
धनु राशि के स्वामी बृहस्पति देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर धनु राशि के व्यक्ति कान्हा के जन्म के बाद पीले रंग की पोशाक पहनाएं और बांसुरी भी जरूर रखें। साथ ही भोग भी पीली मिठाई का ही लगाएं।
मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं और शनिदेव भगवान कृष्ण के आराध्य हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मकर राशि के व्यक्ति कान्हा को नारंगी रंग की पोशाक पहनाएं और मिश्री का भोग लगाएं।
कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव ही हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कुंभ राशि के व्यक्ति कान्हा को नीले रंग की पोशाक पहनाएं और बालूशाही का भोग लगाएं। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
राशिचक्र की आखिरी राशि मीन के स्वामी बृहस्पति देव हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मीन राशि के व्यक्ति कान्हा को पीतांबरी वस्त्र पहनाएं और चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही केसर और मावे की बर्फी का भोग लगाएं।