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भाई बहनों के लिए क्यों खास है भाई दूज

भाईदूज या भैयादूज का त्योहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है...

नवभारतटाइम्स.कॉम 23 Oct 2016, 5:02 pm
भाई दूज या भैया दूज का त्योहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई दूज में बहनें रोली और अक्षत से अपने भाई को तिलक लगाकर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं। तो वहीं, भाई, बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दोगुना कर देता है। भाई बहन के पर्व के रूप में रक्षाबंधन की ही तरह भाई दूज का भी बड़ा महत्व है, जो दिवाली के 2 दिन बाद आता है। साथ ही यह दीपोत्सव का समापन दिवस भी है।
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भाई बहनों के लिए क्यों खास है भाई दूज


महत्व
शास्त्रों के अनुसार भाई दूज या भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं और इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीष देती हैं। ब्रजमंडल में इस दिन बहनें यमुना नदी में खड़े होकर भाईयों को तिलक लगाती हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार इस दिन भगवान यमराज ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिया था जो बहुत दिनों से उनसे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर भाई के आगमन से यमुना बहुत खुश हुईं और भाई का स्वागत किया। जाते समय यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाएगा और उसके हाथों का बना भोजन खाएगा उसकी आयु बढ़ेगी और उसे यमलोग नहीं जाना पड़ेगा। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।

शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया भी कहते हैं। भैया दूज के दिन कायस्थ समाज चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। इस बार 1 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा।

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