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सप्ताह के व्रत त्योहार (19 से 25 दिसंबर): जानिए प्रदोष व्रत से लेकर पौष अमावस और क्रिसमस तक का महत्व

Weekly Vrat And Festival 2022 : दिसंबर के इस सप्ताह की शुरुआत भगवान विष्णु का प्रिय व्रत एकादशी के साथ हो रही है। इसके साथ ही इस सप्ताह भौम प्रदोष व्रत और पौष अमावस्या भी पर्व भी पड़ रहा है। सप्ताह के अंत में क्रिसमस का पर्व मनाया जाएगा। आइए जानते हैं सप्ताह के प्रमुख व्रत और त्योहार के बारे में...

Edited byपराग शर्मा | नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Dec 2022, 9:44 am
दिसंबर के इस सप्ताह का शुभारंभ पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ हो रहा है। यह कृष्ण पक्ष इसी सप्ताह अमावस वाले दिन यानी 23 दिसंबर, शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा और अगले ही दिन यानी 24 दिसंबर, शनिवार से पौष मास का शुक्ल पक्ष आरंभ हो जाएगा। इस सप्ताह सफला एकादशी व्रत, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, पौष अमावस, क्रिसमस आदि का आयोजन किया जाएगा।-आचार्य अश्विनी शास्त्री
नवभारतटाइम्स.कॉम festival of this week from bhaum pradosh vrat 2022 to paush amavasya 2022 and christmas day 2022 and saptah ke vrat or tyohar 19 to 25 december 2022
सप्ताह के व्रत त्योहार (19 से 25 दिसंबर): जानिए प्रदोष व्रत से लेकर पौष अमावस और क्रिसमस तक का महत्व


सफला एकादशी व्रत (19 दिसंबर, सोमवार)

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि जिस एकादशी के व्रत से सभी कार्यों में सफलता मिले उसे सफला एकादशी कहा जाता है। सफला एकादशी का व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इस व्रत की गणना सभी एकादशियों के व्रतों में श्रेष्ठ व्रत के रूप में की गई है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस एकादशी के व्रत से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे अपार ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के व्रत का माहात्म्य पुराणों में बताया गया है। इस दिन भगवान नारायण के व्रत का विधान है।

प्रदोष व्रत (21 दिसंबर, बुधवार)

जिस तरह से प्रत्येक महीने में एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजन करने का विधान है, उसी तरह प्रत्येक माह की त्रयोदशी से पूर्व शाम के समय प्रदोष का व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान शिव का पूजन और अर्चन किया जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन उनके पूजन से उनकी कृपा प्राप्त होती है और उपासक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मासिक शिवरात्रि व्रत (21 दिसंबर, बुधवार)

प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के दिन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव को समर्पित यह व्रत सब प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला बताया गया है। संपूर्ण शास्त्रों और अनेक प्रकार के धर्मों के आचार्यों ने इस शिवरात्रि व्रत को सबसे उत्तम बताया गया है। इस व्रत से उपासक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत रखने वाले उपासक को यह व्रत प्रात: काल से चतुर्दशी तिथि रहते रात्रि पर्यंत तक करना चाहिए। रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और शिवमहिम्ना स्तोत्र और ‘ओम् नम: शिवाय’ का बार बार पाठ करना चाहिए।

पौष अमावस्या (23 दिसंबर, शुक्रवार)

शास्त्रों में अमावस्या के दिन को पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए श्रेष्ठ बताया गया है। तर्पण के बाद पुण्यसलिला नदियों में स्नान से विशेष पुण्य प्राप्ति की भी चर्चा की गई है। हिंदू धर्मशास्त्रों में पूर्णिमा और अमावस्या को विशेष तिथियों के रूप में परिगणित किया गया है। आकाश के सौरमंडल में चंद्र सूर्य से नीचे अवस्थित है। अमावस्या के दिन चंद्रमा का श्वेत वाला हिस्सा सूर्य की ओर रहता है इसलिए सूर्य की तेज रश्मियां चंद्रमंडल के उस भाग में पहुंच जाती हैं जहां पितरों का निवास माना जाता है। इसी कारण अमावस्या वाले दिन पितरों के तर्पण और दान आदि को इस दिन विशेष महत्वपूर्ण कहा गया है। पौष अमावस के दिन पौष महीने का कृष्ण पक्ष भी समाप्त हो रहा है। अमावस्या वाले दिन जो लोग पितृकार्य नहीं करते हैं उन्हें हजामत आदि क्षौरकर्म नहीं करना चाहिए।

क्रिसमस (25 दिसंबर, रविवार)

25 दिसंबर के दिन को पूरी दुनिया में क्रिसमस या बड़ा दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को ईसाई धर्मानुयायी ईसा मसीह या यीशु के जन्मदिन के रूप में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। क्रिसमस से बारह दिन पहले ही क्रिसमटाइड की शुरुआत हो जाती है। इस दिन सभी गिरिजाघरों में सजावट की जाती है और लोग एक दूसरे को उपहार आदि देते हैं और केक बांटते हैं। इस दिन प्राय: हर जगह सांता क्लॉज बच्चों को गिफ्ट बांटते नजर आते हैं। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है।

लेखक के बारे में
पराग शर्मा
"पराग शर्मा धार्मिक विषयों और रेमेडियल ज्योतिष पर 7 साल से भी अधिक समय से काम कर रहे हैं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, अंक ज्योतिष, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर इन्होंने गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से यह प्रतिकूल ग्रह दशाओं और परेशानी में चल रहे लोगों को उचित सलाह देकर उन्हें संकट से निकलने में मदद करते हैं। खाली समय में राजनीतिक और धार्मिक विषयों पर अध्ययन और चिंतन करना पराग को बहुत पसंद है। शोर शराबे की बजाय एकांत में ध्यान करना भी पसंद है, इसलिए जब कभी भी पराग को खाली एकांत समय मिलता है, आत्मचिंतन करते हैं और कहानी एवं कविताएं लिखते हैं।"... और पढ़ें

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