नई दिल्ली
सिद्धपीठ कालिका मंदिर, कालकाजी में सत्संग के अवसर पर महंत सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि भगवान नाम जप एवं कीर्तन दोनों कलयुग से रक्षा करने वाले तथा उद्धार करने वाले हैं।
साधक की समझ कुछ न आए तो भी उसे भगवान की शरण लेकर नाम जप तो शुरू कर ही देना चाहिए। श्रीराम मंदिर, सी-3, जनकपुरी में श्रीरामकथा सुनाते हुए पंडित प्रहलाद मिश्र रामायणी (अयोध्या) ने कहा कि राग और द्वेष मनुष्य के बहुत बड़े शत्रु हैं।
ये प्रत्येक इन्द्रिय के प्रत्येक विषय में स्थित रहकर तुम्हारे जीवन संगी बनकर तुम्हारे परम अर्थ को लूट रहे हैं।
सिद्धपीठ कालिका मंदिर, कालकाजी में सत्संग के अवसर पर महंत सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि भगवान नाम जप एवं कीर्तन दोनों कलयुग से रक्षा करने वाले तथा उद्धार करने वाले हैं।
साधक की समझ कुछ न आए तो भी उसे भगवान की शरण लेकर नाम जप तो शुरू कर ही देना चाहिए। श्रीराम मंदिर, सी-3, जनकपुरी में श्रीरामकथा सुनाते हुए पंडित प्रहलाद मिश्र रामायणी (अयोध्या) ने कहा कि राग और द्वेष मनुष्य के बहुत बड़े शत्रु हैं।
ये प्रत्येक इन्द्रिय के प्रत्येक विषय में स्थित रहकर तुम्हारे जीवन संगी बनकर तुम्हारे परम अर्थ को लूट रहे हैं।