राजेश चंद्रमौलि/नंदनी सेनगुप्ता, चेन्नै
भारत में ह्यूंदै मोटर इंडिया की एक अलग पहचान बनाने वाली सैंट्रो कार अगले दो सालों में वापसी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कोरियन कंपनी ह्यूंदै मोटर्स इसकी तैयारी में जुटी है और साउथ कोरिया में सेंट्रो कार का डिवेलपमेंट चल रहा है। सैंट्रो का उत्पादन बंद होने के दो सालों के बाद भी इस आयकॉनिक कार के प्रति ग्राहकों की रुचि बरकरार है।
ह्ंयूदै के डीलर्स के मुताबिक, ग्राहक अभी भी सैंट्रो कार की मांग करते हैं और आश्चर्य जताते हैं कि कार का प्रॉडक्शन बंद क्यों कर दिया गया? साथ ही उनका यह भी सवाल रहता है टॉलबॉय सेगमेंट की सैंट्रो कार का प्रॉडक्शन बंद करके ह्ंयूदै ने इस सेगमेंट में अन्य कंपनियों के लिए मार्केट क्यों खुला छोड़ दिया। इस मामले में सवाल करने पर एचएमआई के सीईओ यंग की कू ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
ह्ंयूदै सैंट्रो सितंबर,1988 में भारत में लॉन्च हुई थी। इसे एमपीएफआई (MPFI) इंजन के साथ टॉलबॉय सेगमेंट में लॉन्च किया गया था। यह भारत में ह्ंयूदै के लिए गेमचेंजर साबित हुई थी।
भारत में ह्यूंदै मोटर इंडिया की एक अलग पहचान बनाने वाली सैंट्रो कार अगले दो सालों में वापसी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कोरियन कंपनी ह्यूंदै मोटर्स इसकी तैयारी में जुटी है और साउथ कोरिया में सेंट्रो कार का डिवेलपमेंट चल रहा है। सैंट्रो का उत्पादन बंद होने के दो सालों के बाद भी इस आयकॉनिक कार के प्रति ग्राहकों की रुचि बरकरार है।
ह्ंयूदै के डीलर्स के मुताबिक, ग्राहक अभी भी सैंट्रो कार की मांग करते हैं और आश्चर्य जताते हैं कि कार का प्रॉडक्शन बंद क्यों कर दिया गया? साथ ही उनका यह भी सवाल रहता है टॉलबॉय सेगमेंट की सैंट्रो कार का प्रॉडक्शन बंद करके ह्ंयूदै ने इस सेगमेंट में अन्य कंपनियों के लिए मार्केट क्यों खुला छोड़ दिया। इस मामले में सवाल करने पर एचएमआई के सीईओ यंग की कू ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
ह्ंयूदै सैंट्रो सितंबर,1988 में भारत में लॉन्च हुई थी। इसे एमपीएफआई (MPFI) इंजन के साथ टॉलबॉय सेगमेंट में लॉन्च किया गया था। यह भारत में ह्ंयूदै के लिए गेमचेंजर साबित हुई थी।