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मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए चुनिंदा प्रॉडक्ट्स पर फोकस करेगी रेनॉ

[ केतन ठक्कर | मुंबई ]रेनॉ के अफ्रीका-मिडल-ईस्ट-इंडिया रीजन के चेयरमैन फैब्रिस कैम्बोलिव ने कहा कि अब उनकी कंपनी भारत में अपना मार्केट शेयर ...

Navbharat Times 23 May 2018, 7:30 am

[ केतन ठक्कर | मुंबई ]

रेनॉ के अफ्रीका-मिडल-ईस्ट-इंडिया रीजन के चेयरमैन फैब्रिस कैम्बोलिव ने कहा कि अब उनकी कंपनी भारत में अपना मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए कुछ ही प्रॉडक्ट्स पर फोकस करेगी और उन्हीं को बेहतर बनाने में ज्यादा मेहनत करेगी। उन्होंने कहा कि मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए कई प्रॉडक्ट्स एक के बाद एक पेश करने की रणनीति नहीं अपनाई जाएगी।

उन्होंने ईटी को दिए इंटरव्यू में कहा, 'भारत कड़ी होड़ वाला बाजार है। यहां कंपनी को अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए एक-एक कदम कर आगे बढ़ना होगा।' रेनॉ भारत में घटते वॉल्यूम से परेशान है। उसकी क्विड की औसत मासिक बिक्री 5,000-6,000 यूनिट्स तक गिर चुकी है। यह मॉडल जब अपने पीक पर था, उस दौरान इसकी महीने में औसतन 10,000 यूनिट्स की बिक्री होती थी। वहीं, पिछले कुछ वर्षों में लॉजी और कैप्टर जैसे नए यूटिलिटी व्हीकल्स मार्केट में डस्टर और क्विड जैसी कामयाबी नहीं दोहरा पाए।

पिछले 14 महीनों में से 13 में क्विड के वॉल्यूम में गिरावट आई है और इसी की तर्ज पर कंपनी का वॉल्यूम घटा है। कंपनी ने हाल में भारत में कैप्टर को लॉन्च किया था, लेकिन यह भारतीय उपभोक्ताओं को लुभाने में नाकामयाब रही। पिछले 6 महीनों में रेनॉ ने कैप्टर की करीब 2,500 यूनिट्स की बिक्री की है। यह इस सेगमेंट की लीडर ह्युंडई क्रेटा की सात से दस दिनों की सेल्स के बराबर है।

वित्त वर्ष 2017 के दौरान बिक्री में 88 पर्सेंट ग्रोथ हुई थी। इसके बाद फाइनेंशियल ईयर 2018 में इसकी एनुअल सेल्स 24.4 पर्सेंट घटकर 1 लाख यूनिट्स पर आ गई, जबकि इस दौरान इंडियन मार्केट 8 पर्सेंट बढ़ा था। कंपनी वित्त वर्ष 2019 में 1 लाख से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री के लिए अपने प्रॉडक्ट्स पोर्टफोलियो में क्विड और कैप्टर के पेट्रोल वेरिएंट्स पर जोर देगी।

कैम्बोलिव का कहना है कि डस्टर और क्विड ने अपने सेगमेंट में नई राह बनाई थी, लेकिन हमेशा इस तरह के प्रॉडक्ट पेश कर पाना मुमकिन नहीं होता है, लिहाजा कंपनी को अच्छे प्रॉडक्ट्स पर काम करते रहना होगा ताकि पोर्टफोलियो के बाकी मॉडल्स की बिक्री पर भी उनका असर दिखे।

उन्होंने कहा, 'मेरे लिए भारत एक चुनौती है। यह कड़ी होड़ वाला मार्केट है। यहां हमें सभी पैमानों पर सबसे अच्छा बनना होगा।' कैम्बोलिव ने कहा, 'हमें सिर्फ धैर्य ही नहीं रखना होगा, बल्कि प्रॉडक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए समय भी देना होगा। इसके अलावा हम एक साथ कई प्रॉडक्ट्स पर फोकस नहीं करेंगे क्योंकि अवेयरनेस और फैमिलियरिटी की लागत काफी ज्यादा है।

कैम्बोलिव ने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि भारत एक जटिल बाजार है। रेनॉ मार्केट की सही समझ रखने, सेल्स एंड मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग और आरएंडडी में स्थानीय लोगों की वजह अपनी मौजूदगी बनाए हुए है।

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