श्रीनगर
केंद्र और राज्य सरकारों ने गुरुवार को कई प्रॉडक्ट्स पर जीसएटी यानी गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स के हिसाब से रेट निर्धारण पर रजामंदी बनाई है। इसमें 80 से 90 फीसदी तक आइटम्स पर जीएसटी की दरों पर आम सहमति बन गई है। इसमें उन उत्पादों पर टैक्स का बोझ कम करने पर सहमति बनी जिन्हें ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन जीएसटी का असर छोटी कारों से लेकर लग्जरी कारों पर तक पड़ने के आसार हैं। छोटी कारों पर कुछ कम तो वहीं लग्जरी कारें ज्यादा ही महंगी हो सकती हैं। बता दें कि श्रीनगर में गुड्स ऐंड सर्विसेस टैक्स काउंसिल की मीटिंग शुरू हुई है।
सूत्रों ने टीओआई को बताया कि जीएसटी लागू होने से छोटी कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगने के साथ ही कुछ सेस भी लगेगा। जबकि लग्जरी कारों पर 28 फीसदी टैक्स के अलावा 15 फीसदी तक सेस भी लग सकता है। ऐसे देखें तो जीएसटी लागू होने के बाद लग्ज़री कारें ज्यादा महंगी हो सकती हैं। आपको बता दें कि 28 फीसदी टैक्स स्लैब अधिकतम है।
फिलहाल, छोटी कारों पर 24% एक्साइज़ ड्यूटी और अन्य करों को मिलाकर अलग—अलग राज्यों में 27-30 पर्सेंट तक का टैक्स लग जाता है। छोटी कारों पर 28 पर्सेंट टैक्स के अलावा सेस लगने की स्थिति में कुछ राज्यों में इसकी कीमतें बढ़नी तय हैं।
1 जुलाई को गुड्स ऐंट सर्विस टैक्स यानी जीएसटी आने वाला है और इसमें गुड्स को चार अलग स्लैब्स में बांटा गया है। जीएसटी में 10 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज को एक में ही जोड़ दिया गया है। गुड्स ऐंड सर्विसेज को 5, 12, 18 और 28 पर्सेंट के स्लैब्स में बांटा गया है।
खबर ગુજરાતી में पढ़ें।
केंद्र और राज्य सरकारों ने गुरुवार को कई प्रॉडक्ट्स पर जीसएटी यानी गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स के हिसाब से रेट निर्धारण पर रजामंदी बनाई है। इसमें 80 से 90 फीसदी तक आइटम्स पर जीएसटी की दरों पर आम सहमति बन गई है। इसमें उन उत्पादों पर टैक्स का बोझ कम करने पर सहमति बनी जिन्हें ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन जीएसटी का असर छोटी कारों से लेकर लग्जरी कारों पर तक पड़ने के आसार हैं। छोटी कारों पर कुछ कम तो वहीं लग्जरी कारें ज्यादा ही महंगी हो सकती हैं। बता दें कि श्रीनगर में गुड्स ऐंड सर्विसेस टैक्स काउंसिल की मीटिंग शुरू हुई है।
सूत्रों ने टीओआई को बताया कि जीएसटी लागू होने से छोटी कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगने के साथ ही कुछ सेस भी लगेगा। जबकि लग्जरी कारों पर 28 फीसदी टैक्स के अलावा 15 फीसदी तक सेस भी लग सकता है। ऐसे देखें तो जीएसटी लागू होने के बाद लग्ज़री कारें ज्यादा महंगी हो सकती हैं। आपको बता दें कि 28 फीसदी टैक्स स्लैब अधिकतम है।
फिलहाल, छोटी कारों पर 24% एक्साइज़ ड्यूटी और अन्य करों को मिलाकर अलग—अलग राज्यों में 27-30 पर्सेंट तक का टैक्स लग जाता है। छोटी कारों पर 28 पर्सेंट टैक्स के अलावा सेस लगने की स्थिति में कुछ राज्यों में इसकी कीमतें बढ़नी तय हैं।
1 जुलाई को गुड्स ऐंट सर्विस टैक्स यानी जीएसटी आने वाला है और इसमें गुड्स को चार अलग स्लैब्स में बांटा गया है। जीएसटी में 10 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज को एक में ही जोड़ दिया गया है। गुड्स ऐंड सर्विसेज को 5, 12, 18 और 28 पर्सेंट के स्लैब्स में बांटा गया है।
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