ऐपशहर

फॉक्सवैगन को चुकानी होगी मुआवजे की इतनी बड़ी कीमत

अगर खबरों की मानें, तो फॉक्सवैगन अपने UB बेस्ड ग्राहकों को मुआवजे के तौर पर 10 बिलियन डॉलर से अधिक की रकम देने को तैयार हो गया है। पिछले साल कंपनी के डीजल गेट स्कैंडल के सामने आने के बाद से ही पूरी दुनिया में उसके लिए गंभीर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। उसकी ब्रैंडिंग की विश्वसनीयता को भी गहरा धक्का लगा है।

Zigwheels.com 26 Jun 2016, 2:02 pm
अगर खबरों की मानें, तो फॉक्सवैगन अपने UB बेस्ड ग्राहकों को मुआवजे के तौर पर 10 बिलियन डॉलर से अधिक की रकम देने को तैयार हो गया है। जर्मनी की यह कारमेकर कंपनी इस मामले को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है। यह मुआवजा देने के बाद कंपनी खुद को होने वाले घाटे का अनुमान लगाने और कोई बीच का रास्ता तलाशने को लेकर भी विचार कर रही है।
नवभारतटाइम्स.कॉम volkswagen might pay 10 billion to compensate diesel gate
फॉक्सवैगन को चुकानी होगी मुआवजे की इतनी बड़ी कीमत


समझौते के इस प्रस्ताव के मुताबिक जिन ग्राहकों की कार पर असर पड़ा है, उन्हें फॉक्सवैगन जुर्माना देगी। इसके लिए उसे हर एक ग्राहक को 1,000 से लेकर 7,000 डॉलर के बीच की रकम देनी होगी। मुआवजे की रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि कार कब खरीदी गई थी और उसे कितना नुकसान हुआ। इसके अलावा भी कुछ बातों को मुआवजे का आधार बनाया जाएगा।

औसत मुआवजा 5,000 डॉलर होने की उम्मीद है। इसके साथ ही प्रभावित ग्राहक को यह विकल्प भी दिया जा सकता है कि अगर वह चाहे, तो कंपनी उसकी कार वापस खरीद सकती है। अनुमान के मुताबिक प्रभावित कारों की संख्या 5,00,000 के करीब है। इतना ही नहीं, बल्कि फॉक्सवैगन को अपनी डीजल कारों द्वारा पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान के बदले 4 बिलियन डॉलर की मोटी राशि भी जुर्माने के तौर पर देनी होगी।

यह तो हुई सिर्फ अमेरिका की बात, लेकिन फॉक्सवैगन के आगे सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अमेरिका अकेला देश नहीं है। कई और देश भी हैं जहां उसकी चीटिंग के कारण ग्राहकों और पर्यावरण को इस तरह के नुकसान हुए हैं। अमेरिका में अगर फॉक्सवैगन ने मुआवजा और जुर्माना भरा, तो बाकी देशों में भी उसे यही करना होगा।

मालूम हो कि फॉक्सवैगन के अधिकारियों ने सितंबर 2015 में माना था कि किस तरह उन्होंने गाड़ी के प्रदूषण इंडिकेटर के साथ छेड़छाड़ की थी। कंपनी के डीजल गेट स्कैंडल के सामने आने के बाद पूरी दुनिया में फॉक्सवैगन को काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं। इसकी ब्रैंडिंग पर भी बहुत असर पड़ा था। इसके बाद कंपनी को अपनी कई योजनाओं को रोकने पड़ा। फॉक्सवैगन लंबे समय से अपने विज्ञापनों में जिस 'दास ऑटो' का इस्तेमाल करता आया था, उसे वह भी हटाना पड़ा।

यह समझौते की आखिरी सुनवाई 26 जुलाई को एक अमेरिकी अदालत में होनी है।

अगला लेख

Autoकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग