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ब्रिज: कहीं तोड़ न दे जिंदगी की डोर

Navbharat Times 26 Sep 2019, 9:00 am

- नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज तक का हाल भी खराब - पुल बंगश, पुल मिठाई, पुल क्वीन रोड की हालत सबसे ज्यादा खराब - यमुना पर ...

bridge do not break the door of life
ब्रिज: कहीं तोड़ न दे जिंदगी की डोर

- नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज तक का हाल भी खराब

- पुल बंगश, पुल मिठाई, पुल क्वीन रोड की हालत सबसे ज्यादा खराब

- यमुना पर पुराने लोहे के ब्रिज की हालत तो किसी से छुपी नहीं

- कई जगहों पर रेलवे के 'पैरों' को दी जा रही है मजबूती भी

मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज के गिरने की घटना के बाद रेलवे ब्रिज की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसके बाद रेलवे ने ब्रिज को मजबूती देनी की बात भी कही थी। इसके बावजूद दिल्ली में कई रेलवे ब्रिज इस हालत में हैं, जिन पर चलना खतरे से खाली नहीं है। क्योंकि ये दो पॉइंट्स को तो जोड़ते हैं, लेकिन गिरकर कब जिंदगी की डोर तोड़ दे पता नहीं। आलम तो यह है कि इनकी जर्जर हालत देखने के बाद ऊपर से गुजरने से पहले कई बार सोचेंगे। नई दिल्ली और दिल्ली जंक्शन के फुटओवर ब्रिज भी इसमें शामिल है। दिल्ली के ऐसी ही ब्रिज का दौरा किया दीपक खारी ने:

फुटओवर ब्रिज नंबर-2 @नई दिल्ली

देश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन में शुमार नई दिल्ली स्टेशन पर भी ब्रिज की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। फुटओवर ब्रिज नंबर-2 के स्लैब जर्जर हालत में हैं। कई बार तो स्लैब का प्लास्टर तक झड़कर ट्रैक पर गिर चुका है। इसके बाद यहां पैसेंजरों की आवाजाही बंद करके मरम्मत भी की गई, लेकिन स्थायी तौर पर इसका कोई हल नहीं ढूंढा गया है। ब्रिज की हालत इतनी जर्जर है कि अलग-अलग जगहों पर कौने से प्लास्टर छुटकर कर सरिये बाहर आ गए हैं। इसको मजबूती देने का सिर्फ एक ही रास्ता ब्रिज को बंद करके सभी स्लैब को नए सिरे से लगाए जाना है।

फुटओवर ब्रिज नंबर-1 @दिल्ली जंक्शन

पुरानी दिल्ली के फुटओवर ब्रिज का हाल भी कमोबेश नई दिल्ली जैसा ही है। यहां के फुटओवर ब्रिज भी काफी पुराने हैं। उनके हाल भी बेहाल हैं। यहां सीढियों पर नीचे की तरफ से प्लास्टर उतरा हुआ है। हालांकि रेलवे का कहना है कि यहां पर दो नए फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे, जिसके बाद पुराने ब्रिज को तोड़ दिया जाएगा, लेकिन शायद तब तक यात्रियों को इसी तरह खतरनाक ब्रिज का इस्तेमाल करना होगा।

आनंद विहार हॉल्ट

वैसे तो यहां सुबह-शाम ही पैसेंजरों की भीड़ रहती है। यहां का फुटओवर ब्रिज काफी छोटा है। इसकी हालत भी खास अच्छी नहीं है। कुछ समय पहले ही यहां सभी स्लैब को हटाकर लोहे की चादर बिछाई गई है, लेकिन सीढ़ियों को ऐसे ही छोड़ दिया गया है। इस वजह से कहा नहीं जा सकता कि इस व्यवस्था से फुटओवर ब्रिज कब तक सेफ रहेगा।

रोड ब्रिज की स्थिति और भी ज्यादा खराब

फुटओवर ब्रिज ही नहीं, बल्कि रोड ब्रिज की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है। पुरानी दिल्ली एरिया में एक साथ 4 ऐसे ब्रिज हैं, जो अपनी जर्जर हालत खुद बयां कर रहे हैं। पुल बंगश पर फुटपाथ को ही खत्म कर दिया है, क्योंकि यह काफी कमजोर हो चुके था। रेलवे लाइन की ओर से पुल की तरफ देखेंगे तो प्रोटेक्शन वॉल की जर्जर हालत नजर आ जाएगी। इसी तरह पुल मिठाई की हालत भी यही है। यहां पर फुटपाथ को खत्म कर दिया गया है। इन ब्रिज की ऊंचाई भी काफी कम है। इससे रेलवे को ब्रिज के नीचे ओवरहेड वायर को भी न्यूट्रल किया गया है। पुल क्वीन रोड का भी यही हाल है, लेकिन गंभीर बात यह है कि यह ब्रिज प्लैटफॉर्म नंबर-2 और 3 के ऊपर है। यहां पैसेंजरों की आवाजाही लगातार रहती है। ऐसे में पैसेंजरों के चोटिल होने का खतरा बना हुआ है। यमुना पर बने पुराने लोहे के ब्रिज की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। यह ब्रिज अपनी उम्र पूरी कर चुका है। जैसे ही यमुना में जल स्तर 207 तक पहुंच जाता है, तो इस पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी जाती है। इसके अलावा ब्रिज पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

पिलर्स को किया जा रहा मजबूत

रेलवे कई ब्रिज को मजबूत करने का काम भी कर रहा है। नई दिल्ली से सब्जी मंडी जाने वाले ट्रैक पर मौजूद रोडओवर ब्रिज के पिलर्स को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इसके पिलर भी काफी कमजोर हो गए थे। पिलर का प्लास्टर झड़ रहा था, लेकिन खास तकनीक की मदद से पिलर को एक दम पहले जैसा मजबूत बना दिया गया है। इस तरह का काम अब पुरानी दिल्ली जाने की दिशा पर बने ब्रिज पर भी किया जाएगा।

कोट

कुछ रेलवे ब्रिज बहुत पुराने हैं। इस वजह से वह काफी कमजोर हो चुके हैं। चूंकि यह ब्रिज काफी व्यस्त जगह पर हैं। ऐसे में उन्हें बंद नहीं किया जा सकता है। इसलिए ऐसी तकनीकी पर काम करने की कोशिश की जा रही है। क्वीन रोड ब्रिज को मजबूती देने के लिए टेंडर भी प्रक्रिया में है। वहीं यमुना पर नए ब्रिज को बनाने का काम चल रहा है।

@प्रवक्ता, नॉर्दर्न रेलवे

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