ऐपशहर

भारत के पास कई सेक्टर्स में चीन को पीछे छोड़ने का मौका

भारत के पास अपैरल, लेदर और फुटवियर सेक्टर में चीन को पीछे छोड़ने का एक 'ऐतिहासिक मौका' है, लेकिन इन सेक्टर्स में पूर्वी एशिया के कुछ देशों से भारत को कड़ी टक्कर मिल रही है।

इकनॉमिक टाइम्स 1 Feb 2017, 9:41 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम india can beat chine in many sectors
भारत के पास कई सेक्टर्स में चीन को पीछे छोड़ने का मौका


भारत के पास अपैरल, लेदर और फुटवियर सेक्टर में चीन को पीछे छोड़ने का एक 'ऐतिहासिक मौका' है, लेकिन इन सेक्टर्स में पूर्वी एशिया के कुछ देशों से भारत को कड़ी टक्कर मिल रही है। 2016-17 के इकनॉमिक सर्वे में इसके साथ यह भी कहा गया है कि भारत के सामने यह मौका चूक जाने का जोखिम है। चीन की तुलना में काफी कम मजदूरी होने के बावजूद बांग्लादेश, वियतनाम और म्यांमार इन सेक्टर में भारत से काफी आगे हैं।

सर्वे में बताया गया है, 'मौका हाथ से निकल रहा है और भारत को अगर इन सेक्टर्स में फिर से मुकाबले में खड़ा होना है और मार्केट शेयर दोबारा हासिल करना है तो उसे जल्द कदम उठाने होंगे।' भारतीय राज्यों में सेमी-स्किल्ड वर्कर्स की मासिक मजदूरी 81 डॉलर से 119 डॉलर के बीच हैं, जबकि चीन में ये 250-300 डॉलर के आसपास है। भारत में वेज कॉस्ट वियतनाम और इंडोनेशिया की तुलना में भी कम है, लेकिन लॉजिस्टिक्स, लेबर रेग्युलेशंस, टैक्स और टैरिफ पॉलसी जैसी चुनौतियों के कारण ग्लोबल लेवल पर भारत को नुकसान हो रहा है। इन्हीं मुश्किलों के चलते बहुत सी भारतीय फर्में बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार और इथियोपिया में विस्थापित हो रही हैं। इन सभी कारणों से अपैरल, फुटवियर और लेदर के ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत का शेयर 5 पर्सेंट से कम रह गया है, जो बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों से भी पीछे है।

अपैरल और लेदर में लेबर का अधिक इस्तेमाल होता है और सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए इन्हें सब्सिडी उपलब्ध कराती है, लेकिन अगर देश को अधिक नौकरियां पैदा करनी हैं और एक्सपोर्ट के साथ ही ग्रोथ के मौके बढ़ाने हैं तो और कदम उठाने होंगे। इकनॉमिक सर्वे में सरकार को रोजगार पैदा करने में रुकावटों को दूर करने के लिए लेबर रिफॉर्म्स करने के साथ ही टैक्स सिस्टम को बेहतर बनाने के मकसद से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) लाने का सुझाव दिया गया है।

सर्वे में कहा गया है कि ईस्ट एशिया में सभी इकनॉमिक ग्रोथ का क्लोदिंग और फुटवियर एक्सपोर्ट से सीधा संबंध रहा है और भारत ने इन सेक्टर्स में खराब प्रदर्शन किया है। ईस्ट एशिया के देशों में 7-10 पर्सेंट की जीडीपी ग्रोथ रेट पर अपैरल एक्सपोर्ट की एवरेज एनुअल ग्रोथ 20-50 पर्सेंट और लेदर की 25 पर्सेंट से अधिक की थी। भारत के लिए ग्रोथ का यह आंकड़ा क्रमश: 12.7 पर्सेंट और 5.4 पर्सेंट का रहा है। इससे देश के लिए इन सेक्टर्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की काफी संभावनाएं दिख रही हैं। सर्वे में कहा गया है कि देश में बड़ी मात्रा में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के कम इस्तेमाल से देश को नुकसान हो रहा है।

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग