देश में लोन लेने वाले ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ग्राहक अपनी जरूरतों के आधार पर अपनी जरूरी सुख-सुविधाओं के लिए पर्सनल लोन, होम लोन, बिजनस लोन, कार लोन आदि के रूप में लोन लेते हैं। बैंक और एनबीएफसी बॉरोअर्स को आकर्षक दरों पर सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन मुहैया करा रहे हैं। बैंक या दूसरी फाइनैंशल कंपनियां अपने ग्राहकों की विश्वसनीयता देखकर अपने बिजनस के लिए लोन देती हैं। लेकिन सवाल यह है कि आप जो लोन ले रहे हैं वह कौन सा कैटिगरी का होना चाहिए। जानिए Fixed Loan vs Variable Loan में कौन बेहतर
फिक्स्ड लोन: फिक्स्ड इंटरेस्ट लोन में रेट पूरे समय एक समान रहता है। फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट वाला लोन लेना फायदेमंद लगता है क्योंकि इसमें फाइनैंशल प्लानिंग आसान हो जाती है और बाजार में ब्याज दरें बढ़ने या कम होने के बावजूद कस्टर को पहले से ही फिक्स्ड दर के हिसाब से अपना लोन चुकाना पड़ता है।
वेरिएबल लोन: इस कैटिगरी का लोन इंटरेस्ट रेट्स मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) के आधार पर मिलता है, जिनमें समय-समय पर बदलाव होता रहता है। अभी ब्याज दर जितने कम हैं उसे देखते हुए वेरिएबल ऑप्शन में आपको रेट कट का फायदा मिलेगा।
बदल सकते हैं लोन कैटिगरी: जैसे ही आपको लगे कि लोन रेट बढ़ने वाले हैं। आप तुरंत फिक्स्ड रेट लोन में स्विच कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको लेंडर्स की तरफ से तय फीस देनी होगी। इसी तरह अगर आपको लगे कि आपको फिक्स्ड लोन की अपेक्षा वेरिएबल लोन में फायदा हो सकता है, तो फिक्स्ड लोन से वेरिएबल में शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि फिक्स्ड टू वेरिएबल रिजीम में शिफ्ट होना इतना आसान नहीं है। इसमें कुछ अतिरिक्त खर्च जुड़े होते हैं।
फिक्स्ड लोन: फिक्स्ड इंटरेस्ट लोन में रेट पूरे समय एक समान रहता है। फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट वाला लोन लेना फायदेमंद लगता है क्योंकि इसमें फाइनैंशल प्लानिंग आसान हो जाती है और बाजार में ब्याज दरें बढ़ने या कम होने के बावजूद कस्टर को पहले से ही फिक्स्ड दर के हिसाब से अपना लोन चुकाना पड़ता है।
वेरिएबल लोन: इस कैटिगरी का लोन इंटरेस्ट रेट्स मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) के आधार पर मिलता है, जिनमें समय-समय पर बदलाव होता रहता है। अभी ब्याज दर जितने कम हैं उसे देखते हुए वेरिएबल ऑप्शन में आपको रेट कट का फायदा मिलेगा।
बदल सकते हैं लोन कैटिगरी: जैसे ही आपको लगे कि लोन रेट बढ़ने वाले हैं। आप तुरंत फिक्स्ड रेट लोन में स्विच कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको लेंडर्स की तरफ से तय फीस देनी होगी। इसी तरह अगर आपको लगे कि आपको फिक्स्ड लोन की अपेक्षा वेरिएबल लोन में फायदा हो सकता है, तो फिक्स्ड लोन से वेरिएबल में शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि फिक्स्ड टू वेरिएबल रिजीम में शिफ्ट होना इतना आसान नहीं है। इसमें कुछ अतिरिक्त खर्च जुड़े होते हैं।