नई दिल्ली
अमीर देशों द्वारा इकट्ठी की गई करीब 10 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) इस साल के अंत तक बर्बाद हो जाएंगी। यह बात साइंटिफिक इन्फॉर्मेशन एंड एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी (Airfinity) की एक रिसर्च से सामने आई है। रिसर्च में कहा गया है कि उत्तरी गोलार्ध में समृद्ध देशों में स्टॉक किए गए 10 करोड़ कोविड-19 टीके दिसंबर 2021 तक उपयोग किए बिना एक्सपायर हो जाएंगे। एयरफिनिटी ने कहा है कि इस वर्ष के अंत तक बर्बाद होने वाले 10 करोड़ टीकों में से 41 फीसदी यूरोपीय संघ के पास और 32 फीसदी अमेरिका के पास हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित किए जा रहे वैक्सीन शिखर सम्मेलन में इस सप्ताह बची हुई वैक्सीन डोज को लेकर एक योजना निकलनी चाहिए ताकि स्टॉक किए गए 10 करोड़ COVID-19 टीकों को उनकी समाप्ति तिथि तक पहुंचने से पहले गरीब देशों में ट्रान्सफर किया जा सके। बाइडेन द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्चुअल COVID-19 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य 2022 के अंत तक महामारी को समाप्त करने के लक्ष्य के साथ दुनिया भर में टीकाकरण को बढ़ावा देना है।
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वैक्सीन को जल्दी से वितरित करने की योजना की जरूरत
ब्राउन ने यह भी कहा कि उन्होंने एयरफिनिटी की रिसर्च को बाइडेन और साथी जी7 नेताओं को भेजा था। हमें टीकों को जल्दी से वितरित करने की योजना की आवश्यकता है। अगर यह शिखर सम्मेलन गरीब देशों को बची हुई कोविड19 डोज तुरंत ट्रान्सफर करने पर एक्शन लेने का अवसर चूक गया तो यह एक गहरी और सामूहिक राजनीतिक त्रासदी होगी। बता दें कि दुनिया भर में एडमिनिस्टर्ड कोरोनोवायरस वैक्सीन की 5.7 अरब डोज में से केवल 2% अफ्रीका में हैं।
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वरना गरीब देशों के लोग जान देकर चुकाएंगे वैक्सीन की बर्बादी की कीमतAirfinity डेटा भविष्यवाणी करता है कि वैक्सीन रोल-आउट में तेजी के बिना, अगली गर्मियों तक 10 करोड़ और COVID-19 मामले होंगे और वेंटिलेटर एवं ऑक्सिजन की कमी से और 10 लाख मौतें होंगी। ब्राउन ने कहा कि यह अकल्पनीय है कि 10 करोड़ कोविड टीकों को अमीर देशों के भंडार से फेंकना होगा और दुनिया के सबसे गरीब देशों की आबादी हमारे वैक्सीन कचरे के लिए अपना जीवन गंवाकर भुगतान करेगी। ब्राउन ने नेताओं से यह तय करने का आह्वान किया है कि क्या देशों को डिलीवरी अनुबंधों की अदला-बदली करनी चाहिए, टीके के निर्यात के लिए नियामकीय बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है और स्टॉक किए गए टीकों के उपयोग की लागत को कौन कम करेगा।
अमीर देशों द्वारा इकट्ठी की गई करीब 10 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) इस साल के अंत तक बर्बाद हो जाएंगी। यह बात साइंटिफिक इन्फॉर्मेशन एंड एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी (Airfinity) की एक रिसर्च से सामने आई है। रिसर्च में कहा गया है कि उत्तरी गोलार्ध में समृद्ध देशों में स्टॉक किए गए 10 करोड़ कोविड-19 टीके दिसंबर 2021 तक उपयोग किए बिना एक्सपायर हो जाएंगे। एयरफिनिटी ने कहा है कि इस वर्ष के अंत तक बर्बाद होने वाले 10 करोड़ टीकों में से 41 फीसदी यूरोपीय संघ के पास और 32 फीसदी अमेरिका के पास हैं।
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वैक्सीन को जल्दी से वितरित करने की योजना की जरूरत
ब्राउन ने यह भी कहा कि उन्होंने एयरफिनिटी की रिसर्च को बाइडेन और साथी जी7 नेताओं को भेजा था। हमें टीकों को जल्दी से वितरित करने की योजना की आवश्यकता है। अगर यह शिखर सम्मेलन गरीब देशों को बची हुई कोविड19 डोज तुरंत ट्रान्सफर करने पर एक्शन लेने का अवसर चूक गया तो यह एक गहरी और सामूहिक राजनीतिक त्रासदी होगी। बता दें कि दुनिया भर में एडमिनिस्टर्ड कोरोनोवायरस वैक्सीन की 5.7 अरब डोज में से केवल 2% अफ्रीका में हैं।
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