मनीष अग्रवाल, नई दिल्ली
पिछले साल के मुकाबले इस साल दिल्ली में चीन में बने सामानों का 15 से 20 फीसदी ज्यादा आयात किया गया है। अभी भी 150 से अधिक कंटेनर कस्टम के तीन डिपो में क्लीयर होने के लिए अटके हुए हैं। इनका माल आने से मार्केट में गिफ्ट आइटम्स की और वैरायटी उपलब्ध होगी। अब अगले साल मेड इन चीन प्रॉडक्ट्स का आयात कितना होगा, यह दिवाली वाला हफ्ता तय करेगा कि लोगों ने चीनी प्रॉडक्ट्स की कितनी कम या अधिक शॉपिंग की।
यह बात विभिन्न व्यापारियों ने बताई है जो चीन से दिल्ली और अन्य शहरों के लिए माल विदेशों से मंगवाते हैं। इनमें अधिकतर गिफ्ट आइटम्स हैं। कन्फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के महामंत्री देवराज बवेजा ने बताया कि अभी तक की रिटेल सेल में जो उतार-चढ़ाव आ रहा है, उसका असर धंधे पर इतना ज्यादा नहीं पड़ेगा। हां, अगर दिवाली वाले सप्ताह में चीनी प्रॉडक्टस की खरीदारी में लोगों ने दिलचस्पी कम दिखाई तो यह फर्क निश्चित रूप से अगले साल चीन से आयात करने वाले माल पर पड़ेगा।
पढ़ें: चीनी सामानों की खरीदारी में 30% की कमी?
विदेश से सामान मंगाने वाले पवन कुमार ने बताया कि अभी तक के समीकरणों की बात की जाए तो पिछले साल की तुलना में इस साल चीन से करीब 20 फीसदी माल अधिक मंगाया जा चुका है। इनमें गिफ्ट आइटम्स ही सबसे अधिक हैं। कुमार ने बताया कि अभी विभिन्न व्यापारियों के 150 से अधिक कंटेनर कस्टम में क्लीयर होने के लिए फंसे हुए हैं। जब से चीनी प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की बात हुई है। तब से कस्टम भी इन्हें क्लीयर करने में समय अधिक लगा रहा है। सारे कंटेनर की बारीकी से जांच की जा रही है कि कहीं कोई प्रतिबंधित आइटम तो इनमें नहीं आ रहे हैं।
पढ़ें: चीनी सामानों के बहिष्कार से दिवाली सेल पर बुरा असर
एक और इंपोर्टर अंकित का कहना है कि चीनी माल के बहिष्कार में अगर किसी प्रॉडक्ट पर सबसे अधिक मार पड़ेगी तो वह हैं चीनी लड़ियां। पटाखों पर तो वैसे भी प्रतिबंध है ही। बिजली की चीनी झालर की सेल कम जरूर हो सकती है, बाकी अन्य माल पर शायद बहुत अधिक फर्क नहीं पड़े। खबरें आ रही हैं कि उड़ी हमले के बाद चीन का पाकिस्तान के समर्थन में उतरने के विरोध में सोशल मीडिया पर चीनी सामानों के बहिष्कार की अपील रंग ला रही है और लोग दुकानदारों से देसी सामानों की मांग कर रहे हैं। इससे ज्यादा मात्रा में चीनी सामान रखने वाले दुकानदारों और बडे़ व्यापारियों को भारी नुकसान का डर सता रहा है।
पढ़ें ब्लॉग: इसलिए जरूरी है चीनी सामान का बहिष्कार
पिछले साल के मुकाबले इस साल दिल्ली में चीन में बने सामानों का 15 से 20 फीसदी ज्यादा आयात किया गया है। अभी भी 150 से अधिक कंटेनर कस्टम के तीन डिपो में क्लीयर होने के लिए अटके हुए हैं। इनका माल आने से मार्केट में गिफ्ट आइटम्स की और वैरायटी उपलब्ध होगी। अब अगले साल मेड इन चीन प्रॉडक्ट्स का आयात कितना होगा, यह दिवाली वाला हफ्ता तय करेगा कि लोगों ने चीनी प्रॉडक्ट्स की कितनी कम या अधिक शॉपिंग की।
यह बात विभिन्न व्यापारियों ने बताई है जो चीन से दिल्ली और अन्य शहरों के लिए माल विदेशों से मंगवाते हैं। इनमें अधिकतर गिफ्ट आइटम्स हैं। कन्फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के महामंत्री देवराज बवेजा ने बताया कि अभी तक की रिटेल सेल में जो उतार-चढ़ाव आ रहा है, उसका असर धंधे पर इतना ज्यादा नहीं पड़ेगा। हां, अगर दिवाली वाले सप्ताह में चीनी प्रॉडक्टस की खरीदारी में लोगों ने दिलचस्पी कम दिखाई तो यह फर्क निश्चित रूप से अगले साल चीन से आयात करने वाले माल पर पड़ेगा।
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विदेश से सामान मंगाने वाले पवन कुमार ने बताया कि अभी तक के समीकरणों की बात की जाए तो पिछले साल की तुलना में इस साल चीन से करीब 20 फीसदी माल अधिक मंगाया जा चुका है। इनमें गिफ्ट आइटम्स ही सबसे अधिक हैं। कुमार ने बताया कि अभी विभिन्न व्यापारियों के 150 से अधिक कंटेनर कस्टम में क्लीयर होने के लिए फंसे हुए हैं। जब से चीनी प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की बात हुई है। तब से कस्टम भी इन्हें क्लीयर करने में समय अधिक लगा रहा है। सारे कंटेनर की बारीकी से जांच की जा रही है कि कहीं कोई प्रतिबंधित आइटम तो इनमें नहीं आ रहे हैं।
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एक और इंपोर्टर अंकित का कहना है कि चीनी माल के बहिष्कार में अगर किसी प्रॉडक्ट पर सबसे अधिक मार पड़ेगी तो वह हैं चीनी लड़ियां। पटाखों पर तो वैसे भी प्रतिबंध है ही। बिजली की चीनी झालर की सेल कम जरूर हो सकती है, बाकी अन्य माल पर शायद बहुत अधिक फर्क नहीं पड़े। खबरें आ रही हैं कि उड़ी हमले के बाद चीन का पाकिस्तान के समर्थन में उतरने के विरोध में सोशल मीडिया पर चीनी सामानों के बहिष्कार की अपील रंग ला रही है और लोग दुकानदारों से देसी सामानों की मांग कर रहे हैं। इससे ज्यादा मात्रा में चीनी सामान रखने वाले दुकानदारों और बडे़ व्यापारियों को भारी नुकसान का डर सता रहा है।
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