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जियो Vs एयरटेल: 36,500 करोड़ रुपये की नई टेलिकॉम लड़ाई

​जियो और एयरटेल के बीच प्राइस वॉर के बीच अब दोनों कंपनियों ने नई जंग छेड़ दी है। अरबपति मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल बॉन्ड्स के जरिए 36,500 करोड़ रुपये जुटाने के प्रयास में हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 4 Apr 2018, 9:48 pm
नई दिल्ली
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जियो और एयरटेल के बीच प्राइस वॉर के बीच अब दोनों कंपनियों ने नई जंग छेड़ दी है। अरबपति मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल बॉन्ड्स के जरिए 36,500 करोड़ रुपये जुटाने के प्रयास में हैं। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद दोनों कंपनियों में टक्कर नई ऊंचाई पर पहुंचेगी।

मित्तल की कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड ने पिछले महीने पहली बार 3,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे। कंपनी के पास और 16,500 करोड़ रुपये का अप्रूवल है। इसके बाद रिलायंस जियो ने 20,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचने के प्लान की घोषणा की। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे 20 महीने से ठंडे पड़े बॉन्ड मार्केट में हलचल मचने वाली है।

जानकारों के मुताबिक, इस रकम से दोनों टेलिकॉम कंपनियां अपने सर्विस को विस्तार देंगी और 32,000 करोड़ रुपये कर्ज को मैनेज करेंगी। इसके बाद दोनों कंपनियों में मुकाबला और भी जोरदार होगा।

जियो ने 2016 में मोबाइल फोन मार्केट में कदम रखते ही टैरिफ वॉर की शुरुआत की और छोटे खिलाड़ियों को मर्जर या बोरिया-बिस्तर बांधने पर मजबूर कर दिया।

भारती एयरटेल ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा था कि इश्यू से हासिल रकम का इस्तेमाल सामान्य कारोबारी कामकाज में किया जाएगा। इसमें मौजूदा कर्ज की रिफाइनेंसिंग और स्पेक्ट्रम लाइबिलिटीज के पेमेंट वगैरह से जुड़ी रूटीन ट्रेजरी एक्टिविटीज शामिल हैं। हालांकि जियो ने रकम की इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट रूप में कुछ नहीं कहा है कि लेकिन ब्लूमबर्ग के मुताबिक, कंपनी को अगले कुछ सालों में काफी कर्ज वापसी करनी है।

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