नोटबंदी के बाद सर्कुलेशन वाली करेंसी की ग्रोथ घटी: FM
[ ईटी ब्यूरो | नई दिल्ली ]सरकार ने कहा है कि डिजिटलाइजेशन से पहले हुए नोटबंदी से सर्कुलेशन वाली करेंसी में होने वाली उत्तरोत्तर बढ़ोतरी में तीन ...
[ ईटी ब्यूरो | नई दिल्ली ]
सरकार ने कहा है कि डिजिटलाइजेशन से पहले हुए नोटबंदी से सर्कुलेशन वाली करेंसी में होने वाली उत्तरोत्तर बढ़ोतरी में तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी रही है। 4 नवंबर 2016 को 17,74,187 करोड़ रुपये मूल्य के नोट्स इन सर्कुलेशन (NIC) थे, जो 2 दिसंबर 2019 को 22,35,648 करोड़ रुपये पर पहुंच गए थे। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में इस बात का जिक्र किया। अक्टूबर 2014 से अक्टूबर 2016 के बीच NIC की एवरेज ग्रोथ 14.51% रही थी और इस रेट से 2 दिसंबर 2019 तक NIC को 25,40,253 करोड़ रुपये हो जाना चाहिए था।
फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा, 'डिजिटलाइजेशन से पहले हुए नोटबंदी और इनफॉर्मल इकनॉमी में कैश का इस्तेमाल घटने से NIC में 3,04,605 करोड़ रुपये तक की कमी आई है।' सरकार ने ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने, जाली नोट की समस्या दूर करने और दूसरे मकसद से 8 नवंबर 2016 को 1,000 और 500 रुपये के करेंसी नोट को चलन से हटा दिया था। फाइनेंस मिनस्टर ने कहा कि RBI के डेटा के मुताबिक 2016-17 में बैंकिंग सिस्टम में 7,62,072 जाली नोट पकड़े गए थे जबकि इनकी संख्या 2017-18 में 5,22,783 और 2018-19 में 3,17,389 रही। नोटबंदी से जाली नोट पर अंकुश लगा है।
सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल ट्रांजैक्शंस लगातार बढ़ा है। 2017-18 में टोटल डिजिटल ट्रांजैक्शंस की संख्या 2,071 करोड़ रही जो 51% की ग्रोथ के साथ 2018-19 में 3,134 करोड़ रुपये हो गई। दूसरे सवाल के जवाब में मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फाइनेंस अनुराग ठाकुर ने 2,000 रुपये के करेंसी नोट को सर्कुलेशन से हटाए जाने की खबरों को खारिज कर दिया है। एक प्रश्न के लिखित जवाब में ठाकुर ने कहा, 'नोटबंदी को लेकर हाल में डर पैदा हुआ है। मेरे हिसाब से आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं।' 2000 रुपये के नोट वापस लेने की सरकार की योजना होने के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में ठाकुर ने यह कहा था।
फाइनेंस मिनिस्टर ने दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने 2019-20 में सरकारी बैंकों को पूंजी मुहैया कराने की योजना के तहत बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था जिसमें से 60,314 करोड़ रुपये की रकम अब तक पब्लिक सेक्टर बैंकों को दी जा चुकी है। निर्मला ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के सभी बैंक के पास टीयर-1 (CET) टीयर-1 कैपिटल मिनिमम रिक्वायरमेंट से ज्यादा है।