नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने आईडीबीआई बैंक का निजीकरण करने से जुड़े सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे एक "प्रतिगामी" कदम बताया।
संघ ने कहा कि सरकार को बैंक की पूंजी शेयर का 51 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखना चाहिए।
बैंक संघ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि बैंक इसलिए मुश्किलों में आया क्योंकि कुछ कॉरपोरेट घरानों ने उसके रिण वापस न कर उसके साथ धोखाधड़ी की। इसलिए वक्त की जरूरत है कि रिण वापस न करने वाले कर्जदारों के खिलाफ कार्रवाई कर पैसों की वसूली की जाए।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस साल के बजट में की गयी घोषणा के अनुरूप आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी चुनिंदा निवेशक को बेचने और उसे बैंक का प्रबंध सौंपने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की।
आईडीबीआई बैंक में केंद्र सरकार और एलआईसी की कुल हिस्सेदारी 94 प्रतिशत से ज्यादा है।
एलआईसी के पास बैंक के 49.21 प्रतिशत शेयर हैं और साथ ही वह उसकी प्रवर्तक है एवं उसके पास बैंक के प्रबंधन का नियंत्रण है।