नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर (Minister of state for Finance Anurag Thakur) ने जीडीपी (GDP) पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बयान को पूरी तरह तथ्यहीन और सच्चाई से परे बताते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी नेतृत्वहीन कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आती है और आर्थिक आंकड़ों की हेराफेरी से देश में सनसनी फैलाना चाहती है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। चिदंबरम ने कहा था कि 2020-21 पिछले चार दशकों में अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बुरा साल साबित हुआ है। इससे साफ है कि देश की क्या हालत हो गई है। उन्होंने कहा कि अभी जो स्थिति है उसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी है। लेकिन उससे भी अधिक इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।
सिलेसिलेवार जवाब
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सिलसिलेवार ढंग से चिदंबरम को करारा जवाब दिया है। ठाकुर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और आने वाले समय में लगातार सुधारों के आधार पर पटरी पर लौटेगी। महामारी के दौर में यह कठिन समय जरूर है लेकिन भारतीय इकॉनमी अब भी काफी मजबूत बनी हुई है। हैरानी की बात नहीं है कि पूर्व वित्त मंत्री ने कठिन आंकड़ों को नजरअंदाज क्यों किया। कांग्रेस नेतृत्व ने हमेशा इस अनजान दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसे अपना हथियार बनाया है।'
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उन्होंने कहा कि यह लगातार सुधारों और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों का ही नतीजा है कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 24.4 फीसदी गिरावट से हम वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि तक पहुंच गए। चिदंबरम ने इकॉनमी के बारे में निराशाजनक पूर्वानुमान जताया था। इस पर ठाकुर ने कहा कि आप भारतीय उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और एमएसएमई के खुद को रिवाइव करने की क्षमता पर संदेह करते हैं जबकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की विकास दर के वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया है। उनके अनुमान के मुताबिक हम दोहरे अंकों की वृद्धि करने वाली एकमात्र प्रमुख इकॉनमी बने हैं।'
पूरी दुनिया में आई है गिरावट
ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से सवाल करते हुए पूछा, 'क्या भारतीय इकॉनमी अलग-थलग द्वीप है? क्या इस महामारी में दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जीडीपी संकुचन का सामना नहीं करना पड़ा है? क्या आप नहीं जानते कि फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके में क्रमश: 8.2%, 4.9%, 8.9% और 9.9% की गिरावट आई है। कनाडा, रूस, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका ने भी पिछले एक साल में जीडीपी में गिरावट आई है। दुनिया में व्यवधानों के बावजूद, भारतीय इकॉनमी लचीली बनी हुई है।'
पिछले साल करीब 8,700 लोगों की रेल पटरियों पर जान गई, इनमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर
उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री को अपनी निराशा से बाहर आने को कहा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने लोगों की जान बचाई, धीरे-धीरे अनलॉक ने इकॉनमी को बूस्ट करने की हरी झंडी दी। उन्होंने कहा कि रेकॉर्ड 1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह अब तक का सबसे अधिक है। हमने यात्री वाहनों की बिक्री, दोपहिया वाहनों की बिक्री, तेल की खपत, इस्पात उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सहित अन्य क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की। हाई-फ्रीक्वेंसी मासिक कोर सेक्टर डेटा से यह भी पता चलता है कि 8 प्रमुख उद्योगों में रिबाउंड देखा गया था।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर (Minister of state for Finance Anurag Thakur) ने जीडीपी (GDP) पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बयान को पूरी तरह तथ्यहीन और सच्चाई से परे बताते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी नेतृत्वहीन कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आती है और आर्थिक आंकड़ों की हेराफेरी से देश में सनसनी फैलाना चाहती है।
सिलेसिलेवार जवाब
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सिलसिलेवार ढंग से चिदंबरम को करारा जवाब दिया है। ठाकुर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और आने वाले समय में लगातार सुधारों के आधार पर पटरी पर लौटेगी। महामारी के दौर में यह कठिन समय जरूर है लेकिन भारतीय इकॉनमी अब भी काफी मजबूत बनी हुई है। हैरानी की बात नहीं है कि पूर्व वित्त मंत्री ने कठिन आंकड़ों को नजरअंदाज क्यों किया। कांग्रेस नेतृत्व ने हमेशा इस अनजान दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसे अपना हथियार बनाया है।'
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उन्होंने कहा कि यह लगातार सुधारों और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों का ही नतीजा है कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 24.4 फीसदी गिरावट से हम वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि तक पहुंच गए। चिदंबरम ने इकॉनमी के बारे में निराशाजनक पूर्वानुमान जताया था। इस पर ठाकुर ने कहा कि आप भारतीय उद्यमियों, छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और एमएसएमई के खुद को रिवाइव करने की क्षमता पर संदेह करते हैं जबकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की विकास दर के वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया है। उनके अनुमान के मुताबिक हम दोहरे अंकों की वृद्धि करने वाली एकमात्र प्रमुख इकॉनमी बने हैं।'
पूरी दुनिया में आई है गिरावट
ठाकुर ने पूर्व वित्त मंत्री से सवाल करते हुए पूछा, 'क्या भारतीय इकॉनमी अलग-थलग द्वीप है? क्या इस महामारी में दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जीडीपी संकुचन का सामना नहीं करना पड़ा है? क्या आप नहीं जानते कि फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके में क्रमश: 8.2%, 4.9%, 8.9% और 9.9% की गिरावट आई है। कनाडा, रूस, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका ने भी पिछले एक साल में जीडीपी में गिरावट आई है। दुनिया में व्यवधानों के बावजूद, भारतीय इकॉनमी लचीली बनी हुई है।'
पिछले साल करीब 8,700 लोगों की रेल पटरियों पर जान गई, इनमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर
उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री को अपनी निराशा से बाहर आने को कहा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने लोगों की जान बचाई, धीरे-धीरे अनलॉक ने इकॉनमी को बूस्ट करने की हरी झंडी दी। उन्होंने कहा कि रेकॉर्ड 1.44 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह अब तक का सबसे अधिक है। हमने यात्री वाहनों की बिक्री, दोपहिया वाहनों की बिक्री, तेल की खपत, इस्पात उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सहित अन्य क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की। हाई-फ्रीक्वेंसी मासिक कोर सेक्टर डेटा से यह भी पता चलता है कि 8 प्रमुख उद्योगों में रिबाउंड देखा गया था।