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बैंकरों ने बताई वजह...इसलिए RBI ने रीपो रेट नहीं घटाया

आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों को बरकरार रखने के फैसले पर बैंकरों ने हैरानी जताई है। बैंकरों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर के कारण यह फैसला लिया गया है।

भाषा 5 Dec 2019, 9:30 pm
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम RBI-File

उम्मीद के विपरीत रिजर्व बैंक ने रीपो रेट नहीं घटाया। रिजर्व बैंक के इस कदम पर आर्थिक जानकारों और बैंकरों ने हैरानी जताई। बैंकरों का मानना है कि बढ़ती महंगाई की वजह से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि नीतिगत दरों को यथावत रखना ऐसा हैरान करने वाला फैसला है जिसका अनुमान नहीं था।

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रजनीश कुमार भारतीय बैंक संघ (इंडियन बैंक असोसिएशन) के भी अध्यक्ष हैं। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में यह सबसे अधिक उपयुक्त कदम है जब मौद्रिक नीति में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचने में समय लगता है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर पांच प्रतिशत करने और अगले साल भी इसके लिए कम अनुमान से संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार काफी धीमी है।

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कोटक महिंद्रा बैंक की शांति एकाम्बरम ने कहा कि आगे चलकर दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचने की स्थिति सुधरेगी। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय एमपीसी ने सर्वसम्मति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है, जो काफी 'रोचक' है। बंधन बैंक के चेयरमैन सी एस घोष ने कहा कि ब्याज दरों में बदलाव नहीं होने बाजार उम्मीदों के उलट है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसे खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ाने के रिजर्व बैंक के अनुमान के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

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टाटा कैपिटल के राजीव सभरवाल ने रिजर्व बैंक के कदम पर हैरानी जताई, पर साथ ही कहा कि यह मुद्रास्फीति के रुख से तालमेल बैठाने वाला है। वहीं श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस के उमेश रेवांकर ने कहा कि प्रणाली में पर्याप्त नकदी की स्थिति और पूर्व में हुई कटौतियों के लाभ के सीमित स्थानांतरण की वजह से रिजर्व बैंक से ऐसे कदम की उम्मीद थी।

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