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ऑक्सिजन लेवल चेक करने के लिए न फंस जाएं ऑक्सिमीटर ऐप के जाल में, खाता हो सकता है खाली

इंसान के शरीर का ऑक्सिजन लेवल चेक (Oxygen Level Check) करने के लिए ऑक्सिमीटर (Oximeter) का इस्तेमाल किया जाता है। इस वक्त हर कोई शरीर में ऑक्सिजन लेवल को लेकर चिंतित है और जालसाज इसी का फायदा फर्जी ऑक्सिमीटर ऐप्स के जरिए उठा रहे हैं। शरीर में ऑक्सिजन का स्तर चेक करने के लिए किसी भी डिवाइस में फिजिकल एसपीओ2 ब्लड ऑक्सिजन सेंसर होना जरूरी है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Apr 2021, 10:33 am
देश में महामारी का संकट गहराने के साथ ही फर्जीवाड़े में भी तेजी आई है। इस कठिन घड़ी में जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने या उनकी निजी जानकारी में सेंध लगाने की जुगत मं लगे हैं। अब यह फर्जीवाड़ा ऑक्सिमीटर ऐप्स (Oximeter Apps) को लेकर किया जा रहा है। खबरें हैं कि जालसाजों ने फेक ऑक्सिमीटर ऐप्स क्रिएट कर लिए हैं और लोगों की निजी जानकारी व बैंकिंग डिटेल्स (Banking Detail) चुरा रहे हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम beware of fake oximeter apps
ऑक्सिजन लेवल चेक करने के लिए न फंस जाएं ऑक्सिमीटर ऐप के जाल में, खाता हो सकता है खाली



​लोगों की चिंता का फायदा उठा रहे जालसाज

देश में जब से महामारी ने पैर पसारे हैं, ऑक्सिमीटर भी पाॅपुलर हो चुके हैं। इंसान के शरीर का ऑक्सिजन लेवल चेक करने के लिए ऑक्सिमीटर का इस्तेमाल किया जाता है। इस वक्त हर कोई शरीर में ऑक्सिजन लेवल को लेकर चिंतित है और जालसाज इसी का फायदा फर्जी ऑक्सिमीटर ऐप्स के जरिए उठा रहे हैं।

​पुलिस ने भी चेताया

फेक ऑक्सिमीटर ऐप्स को लेकर गुजरात पुलिस ने चेतावनी जारी की है। गुजरात पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने एक एडवायजरी जारी कही है, जिसमें कहा गया है कि स्मार्टफोन्स के लिए कई फेक ऑक्सिमीटर मोबाइल ऐप इंटरनेट पर सर्कुलेट हो रहे हैं और इनसे जालसाजी या साइबर क्राइम होने का खतरा पैदा हो सकता है। गुजरात पुलिस के अलावा हरियाणा साइबरक्राइम और डीजीपी कर्नाटक ने भी लोगों को फेक ऑक्सिमीटर ऐप्स और उनके दावों को लेकर चेतावनी जारी की है।

​खाता हो सकता है खाली

इंटरनेट पर फेक ऑक्सिमीटर ऐप्स के कई लिंक मौजूद हैं। ये ऐप इंसान के शरीर में फोन लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए ऑक्सिजन का स्तर जांचने का दावा करते हैं। साथ ही यूजर के फोन में मौजूद काॅन्टैक्स, फोटो और अन्य फाइल्स की एक्सेस भी मांगते हैं। लेकिन फेक ऑक्सिमीटर ऐप्स से जुड़े हैकर्स, यूजर्स के फिंगरप्रिंट डेटा के जरिए डिवाइस में सेंध लगा सकते हैं और बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं।

कैसे काम करते हैं ऑक्सिमीटर

इंसान के शरीर में ऑक्सिजन का स्तर चेक करने के लिए किसी भी डिवाइस में फिजिकल एसपीओ2 ब्लड ऑक्सिजन सेंसर होना जरूरी है। अभी किसी भी स्मार्टफोन में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। यानी सरल शब्दों में केवल स्मार्टफोन ऐप्स के जरिए शरीर का ऑक्सिजन लेवल चेक नहीं किया जा सकता। लेकिन फेक ऑक्सिमीटर ऐप न केवल ऐसा कर सकने का दावा कर रहे हैं बल्कि तुरंत ही एसपीओ2 रिजल्ट भी दे रहे हैं।

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