ऐपशहर

कैग ने मनोरंजन, खेल क्षेत्र में कर आकलन में पाई खामियां, स्वास्थ्य क्षेत्र में आवंटन बढ़ाने पर जोर

नयी दिल्ली , आठ जुलाई (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने मनोरंजन और खेल क्षेत्र की इकाइयों के कर आकलन में खामियां पाई हैं। उसने कहा कि इन विसंगतियों से सरकार को 2,267.82 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। कैग ने अपनी लेखा परीक्षक रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है। इस रिपोर्ट

भाषा 8 Jul 2019, 10:20 pm
नयी दिल्ली , आठ जुलाई (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने मनोरंजन और खेल क्षेत्र की इकाइयों के कर आकलन में खामियां पाई हैं। उसने कहा कि इन विसंगतियों से सरकार को 2,267.82 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। कैग ने अपनी लेखा परीक्षक रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है। इस रिपोर्ट में मनोरंजन क्षेत्र के प्रमुख उप - क्षेत्रों जैसे टेलीविजन , रेडियो , संगीत , इवेंट मैनेजमेंट , फिल्म , एनीमेशन और विजुअल इफेक्ट्स , प्रसारण , खेल और एम्यूजमेंट इकाइयों का आकलन किया गया है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने रिपोर्ट में आयकर विभाग की ओर से 2013-14 से 2016-17 के बीच किए गए कर आकलन के मामलों की जांच पड़ताल की है। सोमवार को संसद में यह रिपोर्ट रखी गई। वहीं , कैग ने अपनी एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि देश को 2025 तक स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को बढ़ाकर जीडीपी के 2.5 प्रतिशत पर पहुंचाने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी होगी। कैग ने कहा कि आयकर विभाग ने इस दौरान कुल 13,031 मामलों में कर आकलन किया और हमने उनमें से 47,979.44 करोड़ रुपये की आय के 6,516 आकलन रिकॉर्ड (करीब 50 प्रतिशत) की जांच पड़ताल की है। रिपोर्ट में कहा गया , " कैग ने 726 मामलों में कर को लेकर अनुपालन और प्रणाली चिंताओं पर गौर किया है , जिससे सरकार को 2,267.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। " कैग ने पाया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को फ्रेंजाइजी शुल्क के रूप जो भुगतान किया है उसमें कर प्रक्रियाओं में एकरूपता नहीं है। लेखा परीक्षक ने आयकर विभाग से कहा है कि उसे गुणवत्तापरक आकलन सुनिश्चित करने के लिए विभाग के भीतर आवश्यक जानकारी को साझा करने और उनके सत्यापन के लिए मौजूदा तंत्र को मजबूत करना चाहिए। कैग की एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि देश को 2025 तक स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को बढ़ाकर जीडीपी के 2.5 प्रतिशत पर पहुंचाने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 के बाद से सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च बढ़ा है लेकिन यह अब भी जीडीपी के 1.02-1.28 प्रतिशत के दायरे में बना हुआ है। इसमें जोर दिया गया है कि 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आयुष को 65,037.88 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह 2019-20 तक स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन के लक्ष्य से कम है।

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग