सागर मालवीय/ऋतंकर मुखर्जी, मुंबई
कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल धीरे-धीरे नोटबंदी के पहले जैसी स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। अभी प्रमुख डिपार्टमेंट स्टोर्स, सुपरमार्केट्स और ब्रैंड स्टोर्स की टोटल सेल्स में कैश लेनदेन की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई है। शॉपर्स स्टॉप, फ्यूचर ग्रुप, लाइफस्टाइल इंटरनैशनल, स्पेंसर्स और मैक्स समेत दूसरे स्टोर्स के मुताबिक, जनवरी में कैश ट्रांजैक्शंस बढ़कर करीब 20-30 फीसदी पर पहुंच गए। उनका कहना है कि सरकार के 500 और 1,000 के नोटों को चलन से बाहर करने के बाद नवंबर में कैश ट्रांजैक्शंस का हिस्सा महज 5-8 फीसदी था।
कुछ रिटेलर्स का मानना है कि कैश निकासी पर लगी पाबंदी हटने के साथ कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल सामान्य हो जाएगा। हालांकि इससे प्रधानमंत्री के डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की कोशिशों को झटका भी लगेगा।
आरपी संजीव गोयनका ग्रुप के सेक्टर हेड (स्पेंसर्स रिटेल) शाश्वत गोयनका ने कहा, 'पिछले तीन महीने में हमने जो ट्रेंड देखा है, उसके मुताबिक हम उम्मीद करते हैं कि रीमॉनेटाइजेशन होने के साथ अगले कुछ महीनों में कैश ट्रांजैक्शंस के पर्सेंटेज में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वक्त के साथ यह करीब 50 फीसदी पर स्थिर हो जाएगा।' हाइपरमार्केट चेन स्पेंसर के मामले में कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल नवंबर में ओवरऑल सेल्स के 11 फीसदी तक रहने के बाद दिसंबर में 25 फीसदी तक पहुंचा और अब यह 37% पर है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बुधवार को कहा था कि वह 13 मार्च से ATM और सेविंग अकाउंट्स से पैसा निकालने की सीमा को खत्म कर देगा और 20 फरवरी से लोग अपने सेविंग्स बैंक अकाउंट्स से हफ्ते में 50,000 रुपये निकाल सकेंगे। नील्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, दो हाई वैल्यू करंसी नोटों को चलन से बाहर करने के बाद वाले हफ्ते में करीब 1.2 करोड़ भारतीयों ने डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया और मोबाइल पेमेंट्स 70 फीसदी के साथ अपनी पहुंच के उच्चतम स्तर पर रहे।
फ्यूचर ग्रुप को फ्यूचर पे वॉलिट्स में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली और इसके लॉन्च के चार महीनों के भीतर यह 12 लाख वॉलिट्स को पार कर गया। फ्यूचर ग्रुप के लॉयल्टी ऐंड ऐनालिटिक्स के सीईओ विनय भाटिया का कहना है, 'हमारा मानना है कि जैसे-जैसे कन्ज्यूमर्स कार्ड के साथ कंफर्टेबल हो रहे हैं, कैश ट्रांजैक्शंस का पर्सेंटेज करीब 35-30% पर सेटल हो जाएगा।'
कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल धीरे-धीरे नोटबंदी के पहले जैसी स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। अभी प्रमुख डिपार्टमेंट स्टोर्स, सुपरमार्केट्स और ब्रैंड स्टोर्स की टोटल सेल्स में कैश लेनदेन की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई है। शॉपर्स स्टॉप, फ्यूचर ग्रुप, लाइफस्टाइल इंटरनैशनल, स्पेंसर्स और मैक्स समेत दूसरे स्टोर्स के मुताबिक, जनवरी में कैश ट्रांजैक्शंस बढ़कर करीब 20-30 फीसदी पर पहुंच गए। उनका कहना है कि सरकार के 500 और 1,000 के नोटों को चलन से बाहर करने के बाद नवंबर में कैश ट्रांजैक्शंस का हिस्सा महज 5-8 फीसदी था।
कुछ रिटेलर्स का मानना है कि कैश निकासी पर लगी पाबंदी हटने के साथ कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल सामान्य हो जाएगा। हालांकि इससे प्रधानमंत्री के डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की कोशिशों को झटका भी लगेगा।
आरपी संजीव गोयनका ग्रुप के सेक्टर हेड (स्पेंसर्स रिटेल) शाश्वत गोयनका ने कहा, 'पिछले तीन महीने में हमने जो ट्रेंड देखा है, उसके मुताबिक हम उम्मीद करते हैं कि रीमॉनेटाइजेशन होने के साथ अगले कुछ महीनों में कैश ट्रांजैक्शंस के पर्सेंटेज में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वक्त के साथ यह करीब 50 फीसदी पर स्थिर हो जाएगा।' हाइपरमार्केट चेन स्पेंसर के मामले में कैश ट्रांजैक्शंस का लेवल नवंबर में ओवरऑल सेल्स के 11 फीसदी तक रहने के बाद दिसंबर में 25 फीसदी तक पहुंचा और अब यह 37% पर है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बुधवार को कहा था कि वह 13 मार्च से ATM और सेविंग अकाउंट्स से पैसा निकालने की सीमा को खत्म कर देगा और 20 फरवरी से लोग अपने सेविंग्स बैंक अकाउंट्स से हफ्ते में 50,000 रुपये निकाल सकेंगे। नील्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, दो हाई वैल्यू करंसी नोटों को चलन से बाहर करने के बाद वाले हफ्ते में करीब 1.2 करोड़ भारतीयों ने डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया और मोबाइल पेमेंट्स 70 फीसदी के साथ अपनी पहुंच के उच्चतम स्तर पर रहे।
फ्यूचर ग्रुप को फ्यूचर पे वॉलिट्स में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली और इसके लॉन्च के चार महीनों के भीतर यह 12 लाख वॉलिट्स को पार कर गया। फ्यूचर ग्रुप के लॉयल्टी ऐंड ऐनालिटिक्स के सीईओ विनय भाटिया का कहना है, 'हमारा मानना है कि जैसे-जैसे कन्ज्यूमर्स कार्ड के साथ कंफर्टेबल हो रहे हैं, कैश ट्रांजैक्शंस का पर्सेंटेज करीब 35-30% पर सेटल हो जाएगा।'