ऐपशहर

ईज ऑफ बिजनस रैंकिंग सुधारने के लिए 90 उपायों पर केंद्र का जोर

वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग के लिए सुधार लागू करने में चार महीने का समय बचा है और भारत इस बार रैंकिंग में अपना स्थान बेहतर करने के लिए 90 उपायों पर काम कर रहा है।

इकनॉमिक टाइम्स 4 Jan 2018, 8:58 am
रुचित्रा चित्रवंशी, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम ease-of-doing-business

वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग के लिए सुधार लागू करने में चार महीने का समय बचा है और भारत इस बार रैंकिंग में अपना स्थान बेहतर करने के लिए 90 उपायों पर काम कर रहा है। इनमें जल्द कंस्ट्रक्शन परमिट देना, नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन आसान बनाना और डायरेक्टर्स का आधार-बेस्ड आइडेंटिफिकेशन शामिल हैं। इस बार भारत के पास सुधारों को लागू करने के लिए एक महीना कम समय है क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने रैंकिंग के अगले दौर के लिए डेडलाइन एक महीना पहले खिसकाकर 1 मई कर दी है। रैंकिंग की घोषणा आमतौर पर अक्टूबर में की जाती है।

प्रधानमंत्री कार्यालय और डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DIPP) की समीक्षा के दौरान फाइनेंस, अर्बन डिवेलपमेंट और कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री सहित बहुत सी मिनिस्ट्रीज ने कई नए रिफॉर्म्स का सुझाव दिया था। ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग के लिए डीआईपीपी नोडल एजेंसी है।

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशियल सर्विसेज एक बैंक एकाउंट खोलने के लिए कंपनी की सील की आवश्यकता को समाप्त करने पर विचार करेगा। कैपिटल इक्विपमेंट के इम्पोर्ट पर कैश रिफंड को एक वर्ष के अंदर देने का प्रपोजल दिया गया है। अभी इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम करना होता है। इससे टैक्स के भुगतान में आसानी होगी। पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान का सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। देश का लक्ष्य इस रैंकिंग में टॉप 50 में पहुंचने का है।

इंडस्ट्री डिपार्टमेंट ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के लिए कई रिफॉर्म का प्रपोजल दिया है। इनमें डिजिटल सिग्नेचर और डायरेक्टर आडटेंफिकेशन नंबर को आधार से बदलना शामिल है। DIPP ने DIN और डिजिटल सिग्नेचर हासिल करने के लिए प्रक्रियाओं, कॉस्ट और समय में कमी करने का सुझाव दिया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'वर्ल्ड बैंक एक नेशनल आईडी प्राप्त करने को एक अलग प्रोसेस के तौर पर नहीं गिनता। इस प्रोसेस में लगने वाले समय को आसानी से 10 दिन तक घटा सकते हैं, जिससे हमारी ग्लोबल रैंकिंग में सुधार होगा।'

डिजिटल सिग्नेचर को यूजर नेम या वन-टाइम पासवर्ड से बदलने का सुझाव भी दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स कंपनियों को रजिस्ट्रेशन के बाद एक अलग परमानेंट एकाउंट नंबर देने की प्रक्रिया को समाप्त करने पर भी विचार करेगी क्योंकि रजिस्ट्रेशन के समय एक नंबर अलॉट किया जाता है। मिनिस्ट्री को नाम रिजर्व करने के लिए जरूरी इनकॉरपोरेटिंग कंपनी इलेक्ट्रॉनिकली (SPICe) के लिए आसान प्रोफार्मा बनाने और सभी अन्य विकल्पों को समाप्त करने के लिए कहा गया है।

भारत ने सभी प्रसीजर्स ऑनलाइन शिफ्ट करने का दावा किया था, लेकिन वर्ल्ड बैंक की ओर से हासिल किए गए फीडबैक में इसे पूरी तरह सही नहीं पाया गया। फायर डिपार्टमेंट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने का प्रोसेस अभी भी ऑफलाइन है।

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग