नई दिल्ली
आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने, पर्यटन-मेडिकल टूरिजम के जरिए आय बढ़ाने और भारत को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाने के मकसद से केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 30 नवंबर को हुई बैठक में भारत में मौजूदा वीजा की व्यवस्था के उदारीकरण, सरलीकरण और सुव्यवस्थीकरण के उपायों को मंजूरी दी थी। ये सभी कदम एक अप्रैल यानी शनिवार से लागू हो जाएंगे।
इसमें ई-वीजा स्कीम, पर्यटक, बिजनस, मेडिकल और रोजगार वीजा के उदारीकरण और इंटर्न, फिल्म वीजा जैसी नई कैटिगरी शुरू करने की बात भी शामिल है। एक अप्रैल, 2017 से ई-वीजा को 3 कैटिगरी में बांट दिया गया है- ई-टूरिस्ट वीजा, ई-बिजनस वीजा और ई-मेडिकल वीजा।
ई-वीजा की सुविधा 161 देशों को 24 एयरपोर्ट्स के जरिए एंट्री के लिए दी गई है। ई-वीजा की सर्विस पहले 16 एयरपोर्टे्स पर मिला करती थी। इसके अलावा तीन भारतीय बंदरगाहों- कोच्चि, गोवा और मैंगलोर पर भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। मुंबई और चेन्नै बंदरगाह पर भी यह सुविधा बहुत जल्द शुरू की जाएगी।
ई-वीजा के आवेदन के समय को 30 दिन से बढ़ा कर 120 दिन कर दिया गया है और इसके तहत रुकने की अवधि को भी 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दिया गया है। साथ ही इसके तहत ई-टूरिस्ट और ई-बिजनस वीजा के तहत डबल एंट्री और ई-मेडिकल वीजा के तहत ट्रिपल एंट्री की व्यवस्था रहेगी।
इसके अलावा देश के 6 एयरपोर्ट्स- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में मेडिकल टूरिस्ट्स की मदद के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं। 5 साल के लिए मिलने वाले मल्टिपल एंट्री टूरिस्ट और बिजनस वीजा अब लगभग सभी देशों के नागरिकों को मिल सकेंगे। अति आवश्यक आवेदन पर बिजनस और मेडिकल वीजा 48 घंटे के अंदर ही दे दिए जाएंगे।
रोजगार वीजा के लिए मिनिमम सैलरी लिमिट में भी बदलाव किया गया है। यह फिलहाल 25,000 डॉलर प्रति वर्ष है। इससे उन विदेशी नागरिकों को सुविधा मिलेगी जो केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी के रूप में काम करते हैं।
आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने, पर्यटन-मेडिकल टूरिजम के जरिए आय बढ़ाने और भारत को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाने के मकसद से केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 30 नवंबर को हुई बैठक में भारत में मौजूदा वीजा की व्यवस्था के उदारीकरण, सरलीकरण और सुव्यवस्थीकरण के उपायों को मंजूरी दी थी। ये सभी कदम एक अप्रैल यानी शनिवार से लागू हो जाएंगे।
इसमें ई-वीजा स्कीम, पर्यटक, बिजनस, मेडिकल और रोजगार वीजा के उदारीकरण और इंटर्न, फिल्म वीजा जैसी नई कैटिगरी शुरू करने की बात भी शामिल है। एक अप्रैल, 2017 से ई-वीजा को 3 कैटिगरी में बांट दिया गया है- ई-टूरिस्ट वीजा, ई-बिजनस वीजा और ई-मेडिकल वीजा।
ई-वीजा की सुविधा 161 देशों को 24 एयरपोर्ट्स के जरिए एंट्री के लिए दी गई है। ई-वीजा की सर्विस पहले 16 एयरपोर्टे्स पर मिला करती थी। इसके अलावा तीन भारतीय बंदरगाहों- कोच्चि, गोवा और मैंगलोर पर भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। मुंबई और चेन्नै बंदरगाह पर भी यह सुविधा बहुत जल्द शुरू की जाएगी।
ई-वीजा के आवेदन के समय को 30 दिन से बढ़ा कर 120 दिन कर दिया गया है और इसके तहत रुकने की अवधि को भी 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दिया गया है। साथ ही इसके तहत ई-टूरिस्ट और ई-बिजनस वीजा के तहत डबल एंट्री और ई-मेडिकल वीजा के तहत ट्रिपल एंट्री की व्यवस्था रहेगी।
इसके अलावा देश के 6 एयरपोर्ट्स- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद में मेडिकल टूरिस्ट्स की मदद के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं। 5 साल के लिए मिलने वाले मल्टिपल एंट्री टूरिस्ट और बिजनस वीजा अब लगभग सभी देशों के नागरिकों को मिल सकेंगे। अति आवश्यक आवेदन पर बिजनस और मेडिकल वीजा 48 घंटे के अंदर ही दे दिए जाएंगे।
रोजगार वीजा के लिए मिनिमम सैलरी लिमिट में भी बदलाव किया गया है। यह फिलहाल 25,000 डॉलर प्रति वर्ष है। इससे उन विदेशी नागरिकों को सुविधा मिलेगी जो केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी के रूप में काम करते हैं।