[ प्रभा राघवन | नई दिल्ली ]
सरकार 'बेमतलब' और 'असुरक्षित' फिक्स्ड कॉम्बिनेशन दवाओं की बिक्री रोकने के लिए फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री से फिर दो-दो हाथ करने जा रही है। सेंट्रल ड्रग रेगुलेटर ने 300 कंपनियों को चिट्ठी लिखकर उन नई फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं के बारे में पूछा है, जिन्हें बेचने की मंजूरी उन्होंने मांगी है। इन कंपनियों में एबॉट, फाइजर, सिप्ला और सन फार्मा जैसे जाने-माने नाम शामिल हैं। फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) में दो या इससे अधिक दवाओं या थेरेप्यूटिक इंग्रेडिएंट्स को मिलाकर सिंगल डोज तैयार किया जाता है।
इस साल मार्च में सरकार ने 344 एफडीसी को बैन करने का फैसला किया था। उसने कहा था कि ये मरीजों के लिए असुरक्षित और बेमतलब हैं। इससे फार्मा इंडस्ट्री में खलबली मच गई थी, जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में दवा कंपनियां दवाओं पर प्रतिबंध रुकवाने के लिए अदालत गई थीं।
आईएमएस हेल्थ के जून महीने की मार्केट रिफ्लेक्शन रिपोर्ट के मुताबिक, जिन एफडीसी को बैन किया था, उनका बाजार जून में 3,535 करोड़ का था। रिपोर्ट में बताया गया था कि एफडीसी मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली कई कंपनियों की बिक्री में मई और जून महीने में बड़ी गिरावट आई थी। कुछ कंपनियों की सेल्स तो 30 पर्सेंट कम हो गई थी।
हालिया लिस्ट में कुछ कंपनियों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) भी जारी किया गया है। इसका मतलब यह है कि वे देश में संबंधित दवाएं बेच सकती हैं। दूसरी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं या फेज 4 ट्रायल्स के लिए लेटर्स लिखे गए हैं। यह ट्रायल दवा लॉन्च करने के बाद यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि वह सुरक्षित है या नहीं। फाइजर के प्रवक्ता ने बताया कि उनकी कंपनी को एनओसी मिला है। कंपनी ने यह नहीं बताया कि किस एफडीसी के लिए यह लेटर मिला है।
इस मामले में सीनियर सरकारी ऑफिशियल ने बताया कि एक्सपर्ट कमेटी ने 1,600 ड्रग एप्लिकेशन और मौजूदा लिस्ट में शामिल 500 एफडीसी की पड़ताल की है। उन्होंने कहा, 'यह उन एफडीसी की दूसरी लिस्ट है, जिनकी जांच पूरी हो गई है। इनमें से कुछ दवाएं बेमतलब हैं। इसलिए इन्हें बनाने वाली कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।' उन्होंने यह जानकारी नहीं दी कि किन कंपनियों को ये नोटिस भेजे गए हैं। उन्होंने नोटिस की संख्या और संबंधित एफडीसी के नाम भी नहीं बताए। अधिकारी ने बताया कि 50 से अधिक एफडीसी की अभी भी जांच चल रही है।