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Reliance Jio व Airtel ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, Vodafone Idea यूजर्स को फिलहाल झटका, जानिए क्या कह रही रिपोर्ट

5G service: सेवा प्रदाता इस नीलामी में 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड को लेकर अधिक दिलचस्पी दिखाएंगे, क्योंकि यह 5जी का बुनियादी बैंड है। वहीं प्रीमियम माना जाने वाला 700 मेगाहर्ट्ज अपनी ऊंची कीमत के कारण कम ही कंपनियों को रास आएगा। सरकार जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी कर सकती है।

dam | Edited byपवन जायसवाल | भाषा 23 May 2022, 11:32 pm
नई दिल्ली: बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज (Bank of America Securities) ने सोमवार को कहा कि रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) 5जी स्पेक्ट्रम देशव्यापी स्तर पर खरीद पाने की स्थिति में हैं। वहीं, वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक खास सर्किल में 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) के लिए बोली न लगाने वाली किसी भी दूरसंचार कंपनी के लिए मौजूदा 4जी बैंड पर 5जी सेवा (5G service) दे पाना मुश्किल होगा। इसकी वजह यह है कि मौजूदा नेटवर्क पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे हैं, लिहाजा खाली स्पेक्ट्रम सीमित ही रह गए हैं।
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वोडाफोन-आइडिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें


नई कंपनी के लिए बोली लगाना मुश्किल

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘5जी स्पेक्ट्रम का ऊंचा आरक्षित मूल्य होने से कोई नई दूरसंचार कंपनी इस नीलामी में बोली लगाने से परहेज करेगी। सिर्फ मजबूत बही-खाते वाली कंपनियां, मसलन रिलायंस और भारती ही देशभर में 5जी स्पेक्ट्रम खरीद पाने की स्थिति में हैं। यह अभी साफ नहीं है कि वोडाफोन आइडिया 5जी स्पेक्ट्रम के लिए किस तरह से फंड जुटाएंगी।’

5जी स्पेक्ट्रम नहीं मिला तो और कमजोर होगी वोडाफोन-आइडिया

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषकों का मत है कि वोडाफोन आइडिया का प्रबंधन शीर्ष प्रमुख सर्किलों पर केंद्रित है और कंपनी अपने प्रमुख 3जी एवं 4जी सर्किलों में चुनिंदा बोलियां लगा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमें लगता है कि वोडाफोन आइडिया को अगर देशभर में 5जी स्पेक्ट्रम नहीं मिलता है तो वह और भी कमजोर हो जाएगी।’ इस बारे में वोडाफोन आइडिया की राय जानने के लिए भेजे गए ईमेल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
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3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में होगी अधिक दिलचस्पी

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि सेवा प्रदाता इस नीलामी में 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड को लेकर अधिक दिलचस्पी दिखाएंगे, क्योंकि यह 5जी का बुनियादी बैंड है। वहीं प्रीमियम माना जाने वाला 700 मेगाहर्ट्ज अपनी ऊंची कीमत के कारण कम ही कंपनियों को रास आएगा। सरकार जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी कर सकती है। इसके आधार पर देश में अगस्त-सितंबर तक 5जी सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है।

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