मुंबई, चार जून (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोक्ता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है और इससे चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वे में यह अनमान लगाया गया है। रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है, ‘‘मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था। मौजूदा स्थिति इंडेक्स (सीएसआई) अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है। इसके अलावा एक साल आगे का भविष्य की संभावनाओं इंडेक्स में भी भारी गिरावट आई है और यह निराशावाद के क्षेत्र में पहुंच चुका है।एक अन्य सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, अगला वित्त वर्ष कहीं बेहतर रहने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक द्वारा प्रायोजित ‘प्रोफेशनल फोरकास्टर्स’ (एसपीएफ) के सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक जीडीपी में 2020-21 में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में यह वृद्धि की राहत पर लौटेगी और इसमें 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी। सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में चालू वित्त वर्ष में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। सर्वे में कहा गया है कि वास्तविक सकल निश्चित पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) में 2020-21 में 6.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज होगी।
उपभोक्ता विश्वास डगमगाया, चालू वित्त वर्ष में 1.5 प्रतिशत आर्थिक गिरावट के आसार : आरबीआई सर्वे
मुंबई, चार जून (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोक्ता का विश्वास पूरी तरह डगमगा चुका है और इससे चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वे में यह अनमान लगाया गया है। रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वे में कहा गया है, ‘‘मई, 2020 में उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह टूट चुका था। मौजूदा स्थिति इंडेक्स (सीएसआई) अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है। इसके अलावा एक साल आगे का भविष्य की संभावनाओं इंडेक्स में भी भारी गिरावट आई है और यह
भाषा 4 Jun 2020, 10:50 pm