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नोटबंदी से केरल के पर्यटन उद्योग का बुरा हाल

केरल के सबसे बड़े टूर ऑपरेटर इंटरसाइट के चेयरमैन अब्राहम जॉर्ज का कहना है कि नोटबंदी के कारण...

इकनॉमिक टाइम्स 26 Dec 2016, 8:40 am
एस साणंद कुमार, कोच्चि
नवभारतटाइम्स.कॉम demonetization kerala tourism industry in shambles
नोटबंदी से केरल के पर्यटन उद्योग का बुरा हाल

नवंबर की शुरुआत में टूरिस्टों का एक ग्रुप सऊदी अरब से केरल पहुंचा, टूर ऑपरेटर्स ने इसे हाथों हाथ लिया। उन्होंने सोचा कि आने वाला सीजन काफी व्यस्त होगा। लेकिन, उनमें से कोई यह नहीं जानता था कि भविष्य की गोद में आखिर क्या छिपा है। 8 नवंबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को आधी रात से चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी। केरल के सबसे बड़े टूर ऑपरेटर इंटरसाइट के चेयरमैन अब्राहम जॉर्ज का कहना है, ‘एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगने से जुड़ी खबरें बड़ी तेजी से फैलीं और इसके बाद हमें सऊदी अरब से कैंसलेशन ऑर्डर मिलने लगे।’

अनुमान के मुताबिक, केरल आने वाले करीब 70 फीसदी पर्यटक अक्टूबर से मार्च तक चलने वाले ‘पीक सीजन’ के दौरान ही यहां आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग नवंबर से फरवरी के दौरान केरल पहुंचते हैं। जॉर्ज का कहना है कि नोटबंदी के कारण पैदा होने वाली कैश की किल्लत के चलते केरल पहुंचने वाले टूरिस्ट्स की संख्या में 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।

उन्होंने बताया, ‘नवंबर में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ठीक थी, क्योंकि यह बुकिंग पहले की गई थी। लेकिन दिसंबर में होने वाली यात्राएं कैंसल हुई हैं और बाकी बचे महीने में भी पहुंचने वाले टूरिस्ट्स की संख्या कम रहने का अनुमान है।’ केरल आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या घटने का संबंधित सेक्टर्स पर प्रतिकूल असर पड़ा है। उदाहरण के तौर पर अलपुझा और कुमारकोम में हाउसबोट इंडस्ट्री में हाउसबोट्स की हायरिंग में तेज गिरावट देखने को मिली है, जिससे करीब 900 हाउसबोट्स से जुड़े ऑपरेटर्स और उनके स्टाफ पर असर पड़ा है।

हाउसबोट ओनर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट वी सी जकारिया का कहना है कि जिन ऑपरेटर्स के पास अडवांस बुकिंग है, वह कुछ महीनों तक संकट से बचे रह सकते हैं। पिछले साल तक राज्य में और पड़ोसी राज्य से अच्छी डिमांड देखने को मिली। उन्होंने बताया, ‘लेकिन, हमें इस साल वॉक-इन कस्टमर्स की तरफ से डिमांड में तेज गिरावट देखने को मिल रही है।’

CGH अर्थ ग्रुप ऑफ होटल्स के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर जॉर्ज डोमिनिक का कहना है कि पश्चिमी देशों से आने वाले हाई-इंड टूरिस्ट्स पर निर्भर रहने वाली होटल चेन्स में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में कोई गिरावट देखने को नहीं मिली है। उन्होंने बताया, ‘इसके लिए बुकिंग अडवांस में हो जाती है और ज्यादातर पेमेंट्स पहले ही कर दिए जाते हैं। इसके अलावा, ज्यादातर विजिटर्स पेमेंट्स के लिए कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।’

उन्होंने कहा कि इस साल डोमेस्टिक टूरिजम में गिरावट देखने को मिलेगी। टूर ऑपरेटर्स का कहना है कि इंडस्ट्री को डीमॉनेटाइजेशन के असर से निपटने में काफी मुश्किल हो रही है, क्योंकि पहले ही इस पर लिकर की सप्लाई पर पाबंदी लगाने से जुड़ी केरल सरकार की नीति का असर पड़ा है।

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