नयी दिल्ली, 21 नवंबर :: राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन करने वाली डायल ने नई नागर विमानन नीति के तहत गैर-वैमानिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये हवाईअड्डा जमीन का आगे उपयोग करने से प्रतिबंध लगाये जाने को को दिल्ली उच्च न्यायालय में आज चुनौती दी। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. :डायल: की याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी तथा न्यायाधीश वी कामेश्वर राव की पीठ ने नागर विमानन मंत्रालय तथा भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। डायल जीएमआर समूह तथा भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण :एएआई: का संयुक्त उद्यम है। याचिका में दावा किया गया है कि नीति के तहत उस पर लगायी गयी पाबंदी गलत है। जून 2015 में प्रभाव में आयी राष्ट्रीय नागर विमानन नीति :एनसीएपी: 2016 सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: के तहत संचालित मौजूदा हवाईअड्डों पर गैर-वैमानिक सेवाओं के लिये वाणिज्यिक रूप से उसकी जमीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाती है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रतिबंध भविष्य में पीपीपी के तहत परिचालित होने वाले हवाईअड्डों तथा एएआई द्वारा परिचालित मौजूदा तथा निर्माणाधीन हवाईअड्डों पर लागू नहीं है। कंपनी ने कहा है कि नयी नीति के तहत उसे वंचित किया जाना गलत है। मामले पर अगली सुनवाई नौ जनवरी 2017 को होगी।
डायल ने हवाईअड्डा जमीन उपयोग पर नई विमानन नीति के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की
नयी दिल्ली, 21 नवंबर :भाषा: राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन करने वाली डायल ने नई नागर विमानन नीति के तहत गैर-वैमानिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये हवाईअड्डा जमीन का आगे उपयोग करने से प्रतिबंध लगाये जाने को को दिल्ली उच्च न्यायालय में आज चुनौती दी।
नवभारतटाइम्स.कॉम 21 Nov 2016, 6:25 pm