ऐपशहर

डीजल प्राइस में इजाफे से ज्यादा बढ़ा ट्रक भाड़ा!

सरकार ने ट्रांसपोर्टर्स की कई मांगें ठुकाराईं, ऑपरेटिंग कॉस्ट घटने का दावा- रोड ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों का मानना है कि अकेले अगस्त में डीजल कीमतों ...

प्रमोद राय | इकनॉमिक टाइम्स 6 Sep 2018, 9:00 am
सरकार ने ट्रांसपोर्टर्स की कई मांगें ठुकाराईं, ऑपरेटिंग कॉस्ट घटने का दावा
नवभारतटाइम्स.कॉम diesel price increased truckload more than the increase
डीजल प्राइस में इजाफे से ज्यादा बढ़ा ट्रक भाड़ा!


- रोड ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों का मानना है कि अकेले अगस्त में डीजल कीमतों में बढ़ोतरी के मुकाबले ट्रक भाड़े में कई गुना इजाफा हुआ है, जबकि इस साल कई वजहों से ट्रकर्स की ऑपरेटिंग कॉस्ट में 15-20% तक कमी आई है

[ ईटी ब्यूरो | नई दिल्ली ]

डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते ट्रांसपोर्ट भाड़े में हुई बढ़ोतरी को सरकार वाजिब नहीं मानती और उसने डेली प्राइस रिवीजन बंद करने जैसी ट्रांसपोर्टर्स की कई मांगें फिलहाल ठुकरा दी हैं। रोड ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों का भी मानना है कि अकेले अगस्त में डीजल कीमतों में बढ़ोतरी के मुकाबले ट्रक भाड़े में कई गुना इजाफा हुआ है, जबकि इस साल कई वजहों से ट्रकर्स की ऑपरेटिंग कॉस्ट में 15-20% तक कमी आई है।

20 से 27 जुलाई तक चली ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के बाद से रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के साथ हुई पहली बैठक में ट्रांसपोर्टर्स ने टैक्स कम कर डीजल कीमतें घटाने और महीने में सिर्फ 3 बार प्राइस रिवीजन की मांग उठाई, लेकिन मंत्रालय ने फिलहाल इन दोनों पर कोई राहत देने से मना कर दिया। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की हाईवे कमेटी के चेयरमैन रमन खोसला के मुताबिक डीजल कीमतों के अलावा सरकार ने टोल प्लाजा, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम घटाने और टीडीएस खत्म करने जैसी मांगें भी फिलहाल खारिज कर दी हैं, हालांकि बुधवार शाम को मंत्रालय की ओर से सूचना दी गई कि ट्रांसपोर्टर्स के साथ इन पर जल्द एक और बैठक होगी। एआईएमटीसी की कोर कमेटी के चेयरमैन बालमलकीत सिंह ने कहा कि डीजल सहित कई मामलों पर उच्चस्तरीय कमेटी विचार कर रही है, ऐसे में एक बैठक के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत है।

वहीं आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने ट्रांसपोर्टर्स की यह दलील मानने से इनकार कर दिया है कि उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट में भारी इजाफा हो रहा है। सरकार का मानना है कि ट्रांसपोर्ट सुधारों के चलते ट्रांसपोर्टर्स की फ्यूल कॉस्ट और अन्य ऑपरेशनल खर्चें घटे हैं।

देशभर के ट्रक रेंटल की मॉनिटरिंग करने वाले इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के कोऑर्डिनेटर एस पी सिंह ने बताया कि अकेले अगस्त में डीजल कीमतों में 2.20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सभी रूटों पर माल भाड़ा 4-5% तक बढ़ा है, जबकि इस महीने फ्रूट और वेजिटेबल के रूप में फ्रेट डिमांड भी अच्छी खासी थी। उन्होंने बताया कि इस साल डीजल कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी ऑपरेशनल कॉस्ट 15-20 पर्सेंट घटी है। बीएस-4 गाड़ियों ने फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाई है, जबकि नॉयलॉन टायर की जगह रेडियल टायरों से ईंधन की खपत तो घटी ही है, माइलेज भी बढ़ा है। ऐसा नहीं होता तो नई गाड़ियों की बिक्री में 25% तक इजाफा नहीं होता। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और हाल ही में बढ़ाई गई एक्सल लोड लिमिट के चलते भी ट्रांसपोर्टर्स की लागत में कमी आएगी।
लेखक के बारे में
प्रमोद राय

अगला लेख

Businessकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग