[ रत्ना भूषण | नई दिल्ली ]
वेलनेस और पर्सनल केयर कंपनी VLCC डायरेक्ट सेलिंग फर्म वेलसाइंस को खरीदने के लिए अंतिम दौर की बातचीत कर रही है। वेलसाइंस न्यूट्रास्युटिकल्स, डाइटरी सप्लिमेंट्स और पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स बनाती है। वेलसाइंस के प्रमोटर स्वीडन की कॉस्मेटिक्स मेकर ओरिफ्लेम की भारतीय यूनिट के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव लजिंदर बावा हैं। वह 1995 में ओरिफ्लेम के भारत में कदम रखने के समय ओरिफ्लेम के पहले चीफ भी थे।
इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया, 'एक्विजिशन प्रोसेस ड्यू डिलिजेंस के चरण में पहुंच गया है और जल्द ही इस बारे में घोषणा हो सकती है।'
VLCC के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई जानकारी देने से मना कर दिया। इस बारे में वेलसाइंस के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर बावा से संपर्क नहीं हो सका।
एक सूत्र ने बताया, 'यह कदम अपने प्रॉडक्ट्स बिजनेस को बढ़ाने की VLCC की योजना के अनुसार है। कंपनी फास्ट मूविंग हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स सेगमेंट में उभरती हुई प्रॉडक्ट कैटेगरीज पर विचार कर रही है। इस एक्विजिशन से कंपनी को अपना पर्सनल केयर बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी।'
एसोचैम-RNCOS की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक फास्ट मूविंग हेल्थकेयर सेगमेंट की वैल्यू 17 पर्सेंट की दर से बढ़कर 6.1 अरब डॉलर पर पहुंच सकती है। इस सेगमेंट में न्यूट्रास्युटिकल्स और डाइटरी सप्लिमेंट्स के साथ ही फंक्शनल और फोर्टिफाइड फूड्स शामिल हैं।
इस सेगमेंट में VLCC अभी फोर्टिफाइड और फंक्शनल फूड्स की स्लिमर रेंज बेचती है।
वेलसाइंस के पास लगभग 30,000 मेंबर्स का नेटवर्क है और यह मुख्यतौर पर उत्तर और पूर्वी भारत पर फोकस करती है। यह मिड से हाई प्राइस सेगमेंट में लगभग 20 न्यूट्रास्युटिकल्स और पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स बनाती है। एक सूत्र ने बताया, 'वेलसाइंस को अभी तक अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए फंडिंग की कमी का सामना करना पड़ा है और VLCC के आने से यह मुश्किल दूर हो सकती है। अगर यह एक्विजिशन होता है तो VLCC को तैयार डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क मिलेगा जिसका इस्तेमाल वह स्किन केयर लोशंस और फेशियल क्रीम जैसे अपने पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स बेचने के लिए भी कर सकती है।'
देश में अभी तक न्यूट्रास्युटिकल्स बिजनेस काफी हद तक एमवे और हर्बालाइफ जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के दम पर भी चल रहा है।
देश में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू अभी 1.18 अरब डॉलर का है, जो 2025 तक बढ़कर 9.8 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।