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इस वित्त वर्ष 7% से कम रहेगी इकनॉमिक ग्रोथ!

पिछले फाइनेंशियल इयर में जीडीपी ग्रोथ 71% थी, इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में इकनॉमी 6% की दर से बढ़ी थीजुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में ग्रोथ 6...

इकनॉमिक टाइम्स 4 Jan 2018, 10:19 am
कीर्तिका सुनेजा, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम indian-economy

देश की इकनॉमी मौजूदा फाइनैंशियल इयर में 6.4-6.7 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल कर सकती है। शुक्रवार को आने वाले पहले आधिकारिक अनुमान से पहले स्वतंत्र विशेषज्ञों ने यह बात कही।पिछले फाइनैंशियल इयर में ग्रोथ का आंकड़ा 7.1 पर्सेंट का था। वर्ष की पहली छमाही में इकनॉमी 6 पर्सेंट की दर से बढ़ी थी। जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में ग्रोथ बढ़कर 6.3 पर्सेंट हो गई थी। इससे पिछले क्वॉर्टर में ग्रोथ 5.7 पर्सेंट के साथ तीन वर्ष के निचले स्तर पर थी। 2016-17 में ग्रॉस डमेस्टिक प्रॉडक्ट (GDP) 7.1 पर्सेंट और ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 6.6 पर्सेंट बढ़े थे।

हाल के कुछ संकेतों से इकनॉमी में रिकवरी का पता चला है। नवंबर में कोर सेक्टर ग्रोथ 6.8 पर्सेंट के साथ 13 महीने के हाई पर पहुंच गई थी, जबकि मैन्युफैक्चरिंग PMI पांच वर्ष के हाई पर था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2017-18 के लिए इकनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 6.7 पर्सेंट पर बरकरार रखा है। अधिकतर इंडिपेंडेंट इकनॉमिस्ट्स को मौजूदा फाइनैंशियल इयर में GVA 6.5 पर्सेंट बढ़ने की उम्मीद है।IDFC बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट, इंद्रनील पैन ने कहा, 'सभी इंडिकेटर्स से स्ट्रक्चरल रिकवरी का पता नहीं चल रहा। क्रेडिट ग्रोथ में अभी तक तेजी नहीं आई है और प्रॉडक्शन में कमी भी बरकरार है।'

GVA इकनॉमी में प्रोड्यूस हुए गुड्स और सर्विसेज से उनके लिए इस्तेमाल हुए इनपुट और रॉ मैटीरियल की कॉस्ट घटाने के बाद बची कुल वैल्यू होती है। GVA में प्रॉडक्ट्स पर कुल टैक्स को जोड़कर GDP का आंकड़ा निकलता है। इनडायरेक्ट टैक्सेज में अनिश्चितता को देखते हुए अधिकतर एनालिस्ट अब GVA पर फोकस करना पसंद करते हैं। पहले क्वॉर्टर में GVA और GDP की ग्रोथ क्रमश: 5.6 पर्सेंट और 5.7 पर्सेंट रही थी। पहले क्वॉर्टर में ग्रोथ में कमी का मुख्य कारण गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) का लागू होना और डीमॉनेटाइजेशन का बचा हुआ असर था। 2017-18 के दूसरे क्वॉर्टर में GDP ग्रोथ 6.3 पर्सेंट और GVA ग्रोथ 6.1 पर्सेंट रही थी।

इकनॉमिक एक्टिविटी में रिवाइवल की उम्मीद का कारण इंडस्ट्रियल ग्रोथ में वृद्धि है। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान IIP 2.5 पर्सेंट बढ़ा था। इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में इसकी ग्रोथ 5.5 पर्सेंट रही थी।स्टैटिस्टिक्स ऑफिस फाइनैंशियल इयर 2018 के लिए ग्रोथ का अग्रिम अनुमान शुक्रवार को जारी करेगा। एक्सिस बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट सौगाता भट्टाचार्य ने कहा कि कृषि की स्थिति अच्छी दिख रही है और मैन्युफैक्चरिंग में सुधार हो रहा है। इससे मौजूदा फाइनैंशियल इयर के चौथे क्वॉर्टर में ग्रोथ में वृद्धि में मदद मिलेगी।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने GDP ग्रोथ 6.7 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया है, लेकिन इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट, देवेन्द्र कुमार पंत का कहना था कि वर्ष की पहली छमाही में ग्रोथ के प्रदर्शन को देखते हुए यह आंकड़ा हासिल करना मुश्किल है। सितंबर, 2017 में समाप्त हुए छह महीनों में GDP ग्रोथ 6 पर्सेंट की रही थी, जबकि इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 7.7 पर्सेंट का था।

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