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ईश्वर पर अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार, 20.38 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ लेटर

मृत्यु से एक साल पहले आइंस्टीन ने 3 जनवरी 1954 को जर्मनी के दार्शनिक एरिक गटकाइंड को लिखा गया था यह लेटर। 2 पन्नों के लेटर की कीमत आंकी गई थी 10 करोड़ रुपये।

भाषा 5 Dec 2018, 1:46 pm
न्यू यॉर्क
नवभारतटाइम्स.कॉम einstein1

जर्मनी के वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का ईश्वर और धर्म को लेकर उनके विचारों पर आधारित फेमस लेटर अमेरिका में नीलामी के बाद 28.9 लाख अमेरिकी डॉलर (तकरीबन 20 करोड़ 38 लाख रुपये) में बेच दिया गया। यह पत्र उन्होंने अपनी मृत्यु से एक साल पहले लिखा था।

नीलामीघर क्रिस्टीज ने एक बयान में बताया कि नीलामी से पहले इस लेटर की कीमत 15 लाख डॉलर (तकरीबन 10 करोड़ 58 लाख रुपये) आंकी गई थी। दो पन्नों का यह लेटर 3 जनवरी 1954 को जर्मनी के दार्शनिक एरिक गटकाइंड को लिखा गया था, जिन्होंने आइंस्टीन को अपनी किताब 'चूज लाइफ: द बिबलिकल कॉल टू रिवोल्ट’ की एक प्रति भेजी थी।


आइंस्टीन ने अपने लेटर में लिखा था, 'मेरे लिए भगवान शब्द का अर्थ कुछ नहीं बल्कि अभिव्यक्ति और इंसान की कमजोरी का प्रतीक है। बाइबिल एक पूजनीय किताब है, लेकिन अभी भी प्राचीन किंवदंतियों का संग्रह है।' उन्होंने लिखा, 'कोई व्याख्या नहीं है, न ही कोई रहस्य अहमियत रखता है, जो मेरे इस रुख में कुछ बदलाव ला सके।'

इसके बजाय आइंस्टीन ने 17वीं शताब्दी के यहूदी डच दार्शनिक बारुच स्पिनोजा का जिक्र किया है। स्पिनोजा इंसान के दैनिक जीवन में मानवरूपी देवता में विश्वास नहीं रखते थे। हालांकि, वो मानते थे कि भगवान एक ब्रह्मांड की उत्कृष्ट सुंदरता और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है।

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