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सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे IT फर्मों के एंप्लॉयी

इंडियन आईटी सेक्टर के एंप्लॉयीज के सोशल मीडिया ग्रुप्स पर 'कन्फेशंस' में आमतौर पर ब्रेकअप्स, नई रिलेशनशिप्स और ...

इकनॉमिक टाइम्स 10 May 2017, 9:00 am
जोशेल मेंडोंसा, बेंगलुरु
नवभारतटाइम्स.कॉम social media
सांकेतिक तस्वीर

आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोगों की सोशल मीडिया टाइमलाइन पर 'कन्फेशंस' के तौर पर आपको ब्रेकअप, नई रिलेशनशिप, फिल्मों का डिस्कशन और यहां तक कि मैनेजर से पंगेबाजी के किस्से मिल जाएंगे, लेकिन इन दिनों इस सेक्टर के लोग बेहद गंभीर समस्या पर चर्चा कर रहे हैं।

सिंगल डिजिट में सैलरी बढ़ोतरी और छंटनी के डर का सामना कर रहे इंजीनियरों ने अपनी कंपनियों के अमेरिका में हायरिंग प्लान और इंडिया में कॉस्ट कट्स को कामकाज से जुड़े हालिया मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया है, भले ही मसला कितना भी छोटा क्यों न हो।

इन्फोसिस के फेसबुक एंप्लॉयी ग्रुप पर एक पोस्ट में कहा गया, 'जयपुर की हैरतअंगेज गर्मियों में आपका स्वागत है क्योंकि इन्फोसिस के जयपुर डीसी ने कॉस्ट कटिंग के नाम पर एसी ऑन करना बंद कर दिया है।'

कुछ अन्य ने ऑफिस में टिश्यू पेपर की कमी, कॉफी मशीनों के लिए समय की पाबंदी जैसी बातों के लिए अमेरिका में ज्यादा इंजीनियर हायर करने की अपनी कंपनियों के नए प्लान को जिम्मेदार ठहराया है।

ये बातें चाहे जितनी बेतुकी लगें, लेकिन इनसे पता चल रहा है कि इंडियन आईटी जॉब्स को लेकर कैसी राय बन रही है। इन जॉब्स को कभी देश में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता था। हालांकि अब ये सिक्योर नहीं रह गई हैं और इस सेक्टर में हौसला भी ढलान पर है।

करीब दो दशक पहले अगर अमेरिकी इंजीनियर्स भारत के कम वेतन वाले कर्मचारियों के हाथों जॉब गंवाने की शिकायत करते थे, तो अब इंडिया में आईटी इंजीनियर अमेरिकी इंजीनियरों के हाथों जॉब जा सकने की परेशानी बता रहे हैं। ऐसा अमेरिका में नई संरक्षणवादी नीतियों के कारण हो रहा है।

टीसीएस के एक मिड-लेवल एंप्लॉयी ने कहा, 'सभी लोग चिंतित हैं। ऑटोमेशन और अमेरिकी हायरिंग के लिए ज्यादा वेतन देने के कारण छंटनी की बातें हो रही हैं। रोज कोई न कोई नया शिगूफा सामने आ जाता है।'

इंफोसिस ने कहा है कि वह अमेरिका में अगले दो साल में 10000 लोगों को हायर करेगी। टीसीएस और कॉग्निजेंट ने कहा है कि वे विदेश में क्लाइंट लोकेशंस पर ज्यादा हायरिंग करेंगी। विप्रो ने कहा है कि अप्रैल-जून क्वॉर्टर के अंत में अमेरिका में उसके आधे कर्मचारी लोकल होंगे।

इस बीच, इंडिया में आईटी एंप्लॉयीज के हाथों से जॉब्स जा रही हैं। कॉग्निजेंट ने एनुअल अप्रेजल प्रोसेस के तहत 6000 से ज्यादा कर्मचारियों को हटा दिया है और सीनियर एंप्लॉयीज के लिए वॉलंटरी सेपरेशन प्लान जारी किया है। विप्रो कम से कम 600 और इंफोसिस 1000 कर्मचारियों को हटा रही है।

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