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EPFO से जून में जुड़े 18.36 लाख नए मेंबर, 43% से ज्‍यादा का उछाल, जानिए क्‍या हैं संकेत

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ से जून 2022 में 18.36 लाख नए मेंबर जुड़े हैं। पिछले साल इसी महीने संगठन ने 12.83 लाख नए सदस्य जोड़े थे। इस तरह इसमें 43 फीसदी से ज्‍यादा की बढ़त दर्ज की गई है। वेतन पर रखे गए कर्मचारियों (पेरोल) को लेकर ईपीएफओ आंकड़े जारी करता है।

Edited byअमित शुक्‍ला | भाषा 21 Aug 2022, 9:23 am
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने जून 2022 में शुद्ध रूप से 18.36 लाख नए सदस्य जोड़े। यह संख्या एक साल पहले के समान महीने में जोड़े गए 12.83 लाख नए सदस्यों की तुलना में 43 फीसदी अधिक है। श्रम मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि वेतन पर रखे गये कर्मचारियों (पेरोल) को लेकर ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक जून 2022 में शुद्ध रूप से 18.36 लाख सदस्य इस भविष्य निधि निकाय से जुड़े। इस साल जून में जोड़े गए सदस्यों की संख्या मई 2022 की तुलना में 9.21 फीसदी बढ़ी है।जून महीने के दौरान जोड़े गए कुल 18.36 लाख सदस्यों में से लगभग 10.54 लाख सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा कवर के दायरे में आए।
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उम्र के आधार पर पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, जून 2022 के दौरान सबसे अधिक इजाफा 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ। इस दौरान इस आयुवर्ग के 4.72 लाख सदस्य जुड़े।

आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली अग्रणी बने हुए हैं। इन राज्यों ने जून 2022 के दौरान शुद्ध रूप से 12.61 लाख सदस्य जोड़े। वहीं, महिलाओं की संख्या शुद्ध रूप से 4.06 लाख रही। ईपीएफओ अप्रैल 2018 से पेरोल आंकड़ा जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 के बाद के आंकड़ों को शामिल किया गया है। इस कुछ हद तक संकेत म‍िलता है क‍ि संगठ‍ित क्षेत्र में रोजगार की हालत कैसी है।
लेखक के बारे में
अमित शुक्‍ला
पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।... और पढ़ें

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