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Flying Cakes: pizza डिलीवरी बॉय ने 200 रुपये की नौकरी से खड़ी कर दी खुद की बेकरी कंपनी, आठ करोड़ पर पहुंचा कारोबार

पिज्जा डिलीवरी बॉय की नौकरी से शुरुआत करने के बाद सुनील ने नौकरी छूट जाने के बाद अपने अनुभव के आधार पर दिमाग लगाया। आज पिज्जा डिलीवरी बॉय सुनील फ्लाइंग केक्स के नाम से शुरू की गई कंपनी के सफल बिजनेसमैन हैं।

Produced byAmit Tyagi | नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Oct 2021, 5:24 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम सुनील वशिष्ठ

flying Cakes: दक्षिणी दिल्ली के चिराग दिल्ली के रहने वाले सुनील वशिष्ठ के मां-बाप उन्हें दसवीं कराने के बाद आगे पढ़ाने में सक्षम नहीं थे। सुनील ने इसके बाद भी हार मानकर वहीं बैठ जाने की जगह अपने हौसले और मेहनत के दम पर आगे बढ़ने का फैसला किया।

पिज्जा डिलीवरी बॉय की नौकरी से शुरुआत करने के बाद सुनील ने नौकरी छूट जाने के बाद अपने अनुभव के आधार पर दिमाग लगाया। आज पिज्जा डिलीवरी बॉय सुनील फ्लाइंग केक्स के नाम से शुरू की गई कंपनी के सफल बिजनेसमैन हैं। फ्लाइंग केक्स का सालाना टर्न ओवर 8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। कई राज्यों के लोग Flying Cakes के आउटलेट पर बने केक का स्वाद ले रहे हैं।

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संघर्ष की कई कहानियां
10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद हालात ऐसे बने कि सुनील को कभी कुरियर बांटने तो कभी पिज़्ज़ा डिलीवरी ब्वॉय जैसे काम करने पड़े। साल 1991 में सुनील वशिष्ठ ने पहली बार दो सौ रुपये महीने के हिसाब से दिल्ली में डीएमएस के बूथ पर दूध के पैकेट बांटने का पार्ट टाइम जॉब किया। आज सुनील की केक कंपनी पूरे भारत में एक मशहूर ब्रांड बन चुकी है और उनकी कंपनी का टर्नओवर आठ करोड़ रुपये हो चुका है। इसके साथ ही सुनील कई महिलाओं को रोजगार के अवसर भी दे रहे हैं।

सात साल बाद मिली पिज्जा डिलीवरी की नौकरी
काफ़ी कोशिश के बाद साल 1998 में सुनील वशिष्ठ को डोमिनोज़ पिज्जा में जॉब मिली। यहां सुनील को काफी मेहनत करनी पड़ती थी। सुनील वशिष्ट इससे पहले फार्म हाउस में होने वाली पार्टियों में वेटर के रूप में भी काम कर चुके हैं। यहां उन्हें रोजाना तीन-चार सौ रुपये मिलते थे। फिर कुछ समय तक सुनील ने चांदनी चौक की साड़ियों की दुकान में नौकरी की। इन कामों के दम पर सुनील ने सरकारी स्कूल से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद सुनील ने दिल्ली के शहीद भगत सिंह कॉलेज में एडमिशन लिया।

पढ़ाई के साथ करते रहे जॉब
सुनील ने कॉलेज में प्रवेश लेने के साथ ही एक कंपनी में कुरियर बांटने का काम किया। इससे कुछ पैसे कमाने लगे तो पढ़ाई से मोह छूटता गया और स्नातक के दूसरे साल में आते-आते पढ़ाई छोड़ दी। करीब ढाई साल तक उस कुरियर कम्पनी में काम किया, फिर कंपनी बंद हो गई तो सुनील बेरोजगार हो गए।

खुद का काम करने का फैसला
पिज्जा डिलीवरी बॉय की जॉब छूटने के बाद सुनील के दिमाग़ में ख़ुद का व्यवसाय शुरू करने का ख्याल आया। अपने बचाए हुए पैसों से सड़क किनारे नाश्ते और खाने की एक छोटी-सी दुकान खोली। इसके लिए सुनील ने काफ़ी मेहनत की लेकिन उनकी यह दुकान नहीं चली।

दोस्तों की मदद से कामकाज की शुरुआत
सुनील ने देखा कि नोएडा में कॉल सेंटर इंडस्ट्री पनप रही है। यहां कई एमएनसी ऐसी भी हैं, जो अपने स्टाफ का बर्थडे धूमधाम से मनाती हैं और केक, पिज्जा आदि मंगाती रहती हैं। दोस्तों से सुनील ने करीब 60,000 रुपये उधार लेकर साल 2007 में नोएडा में Flying Cakes के नाम से अपनी बेकरी कंपनी शुरू की। उनके बनाए हुए फ्रेश केक लोगों को पसंद आने लगे और बहुत जल्द ही उनके केक की डिमांड बढ़ने लगी। उसके बाद छोटी-छोटी निजी कंपनियों से भी सुनील को केक के आर्डर आने लगे और काम चल निकला।

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लेखक के बारे में
Amit Tyagi
बिजनेस रिपोर्टिंग में 15 साल से अधिक का अनुभव. दिल्ली के लोकल मार्केट से लेकर एनसीआर से इंडस्ट्रियल क्लस्टर और एसएमई से लेकर रियल एस्टेट कारोबार तक की रिपोर्टिंग. साल 2014 से डिजिटल या न्यू मीडिया में बिजनेस, सक्सेस स्टोरी, मनी-मैटर, ट्रेंडिंग स्टोरी से जुड़ा कामकाज.... और पढ़ें

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