सुष्मी डे, नई दिल्ली
पैकेज्ड फूड कंपनियां जल्द ही प्रॉडक्ट्स पर 'बेस्ट बिफोर डेट' के साथ 'एक्सपायरी/यूज बाय डेट' का लेबल भी लगा सकती हैं और 'बेस्ट बिफोर डेट' के बाद इन सामानों पर ग्राहकों को डिस्काउंट मिल सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव लेबलिंग रेग्युलेशन और गुड फूड रिटेल प्रैक्टिस का हिस्सा है जिस पर फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया विचार कर रहा है। इसके पीछे विचार यह है कि सामान को खरीदते समय उपभोक्ता के पास सही जानकारी हो और 'बेस्ट बिफोर डेट' बीतने के बाद भी उपभोग के लिए सुरक्षित प्रॉडक्ट को खरीदने के लिए मोलभाव कर सके। इसके अलावा इससे खाने की बर्बादी भी कम होने की उम्मीद है।
नीति के अभाव में रिटेलर्स 'बेस्ट बिफोर डेट' बीतने के बाद स्टॉक कंपनियों को लौटा देते हैं। कंपनियों के पास भी इन्हें नष्ट करने का अलावा कोई चारा नहीं बचता, क्योंकि मौजूदा नियम के मुताबिक इनकी बिक्री नहीं की जा सकती है। अधिकारी ने कहा, 'इनमें से अधिकतर प्रॉडक्ट्स एक समय तक खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। इन्हें नष्ट करने से खाने की बर्बादी बढ़ती है और बड़ी मात्रा में पौष्टिकता नष्ट होती है।'
अधिकारी ने कहा, दूसरी तरफ रिटेलर्स 'बेस्ट विफोट डेट' करीब आने पर कई स्कीम के जरिए इन्हें निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में उपभोक्ता को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि वह क्या खरीद रहा है और कब तक इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा उपभोक्ता ऐसे प्रॉडक्ट्स के लिए मोलभाव भी कर सके।
'बेस्ट बिफोर' का लेबल वह तारीख है जिससे पहले फूड आइटम की गुणवत्ता, स्टोरेज के तहत वैसी ही होगी जैसा कि बताया गया है। इस समय अवधि में फूड प्रॉडक्ट बिक्री के लिए उपलब्ध होता है। एक्सपायरी/यूज बाय डेट लेबल बताता है कि इस समय सीमा के बाद फूड आइटम की गुणवत्ता उपभोग के लायक नहीं होगी और इनकी बिक्री नहीं की जा सकती है।
मौजूदा समय में यूज बाय डेट केवल कुछ ही प्रॉडक्ट्स जैसे ब्रेड, पैकेज्ड डेयरी प्रॉडक्ट्स पर होता है। भारत पैकेज्ड फूड के मामले में दुनिया के टॉप 5 मार्केट में है और 3.4 करोड़ टन के साथ एशिया में दूसरा स्थान है। पैकेज्ड फूड की कुल बिक्री अगले 5 साल तक 7 फीसदी की दर से बढ़ने वाली है।
पैकेज्ड फूड कंपनियां जल्द ही प्रॉडक्ट्स पर 'बेस्ट बिफोर डेट' के साथ 'एक्सपायरी/यूज बाय डेट' का लेबल भी लगा सकती हैं और 'बेस्ट बिफोर डेट' के बाद इन सामानों पर ग्राहकों को डिस्काउंट मिल सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव लेबलिंग रेग्युलेशन और गुड फूड रिटेल प्रैक्टिस का हिस्सा है जिस पर फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया विचार कर रहा है।
नीति के अभाव में रिटेलर्स 'बेस्ट बिफोर डेट' बीतने के बाद स्टॉक कंपनियों को लौटा देते हैं। कंपनियों के पास भी इन्हें नष्ट करने का अलावा कोई चारा नहीं बचता, क्योंकि मौजूदा नियम के मुताबिक इनकी बिक्री नहीं की जा सकती है। अधिकारी ने कहा, 'इनमें से अधिकतर प्रॉडक्ट्स एक समय तक खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। इन्हें नष्ट करने से खाने की बर्बादी बढ़ती है और बड़ी मात्रा में पौष्टिकता नष्ट होती है।'
अधिकारी ने कहा, दूसरी तरफ रिटेलर्स 'बेस्ट विफोट डेट' करीब आने पर कई स्कीम के जरिए इन्हें निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में उपभोक्ता को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि वह क्या खरीद रहा है और कब तक इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा उपभोक्ता ऐसे प्रॉडक्ट्स के लिए मोलभाव भी कर सके।
'बेस्ट बिफोर' का लेबल वह तारीख है जिससे पहले फूड आइटम की गुणवत्ता, स्टोरेज के तहत वैसी ही होगी जैसा कि बताया गया है। इस समय अवधि में फूड प्रॉडक्ट बिक्री के लिए उपलब्ध होता है। एक्सपायरी/यूज बाय डेट लेबल बताता है कि इस समय सीमा के बाद फूड आइटम की गुणवत्ता उपभोग के लायक नहीं होगी और इनकी बिक्री नहीं की जा सकती है।
मौजूदा समय में यूज बाय डेट केवल कुछ ही प्रॉडक्ट्स जैसे ब्रेड, पैकेज्ड डेयरी प्रॉडक्ट्स पर होता है। भारत पैकेज्ड फूड के मामले में दुनिया के टॉप 5 मार्केट में है और 3.4 करोड़ टन के साथ एशिया में दूसरा स्थान है। पैकेज्ड फूड की कुल बिक्री अगले 5 साल तक 7 फीसदी की दर से बढ़ने वाली है।