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G20 ने व्यापारिक संरक्षणवाद से लड़ने का संकल्प किया

दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में संरक्षणवाद और अनुचित...

भाषा 8 Jul 2017, 11:21 pm
हैम्बर्ग
नवभारतटाइम्स.कॉम 11

दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में संरक्षणवाद और अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ खड़े होने का संकल्प किया है। इन देशों के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अधिक समावेशी बनाने के प्रयास की भी प्रतिबद्धता जताई है। भारत सहित जी20 देशों के 2 दिन के शिखर सम्मेलन के बाद जर्मनी के हैम्बर्ग में जारी घोषणा पत्र में कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि की संभावनाएं उत्साहजनक हैं पर आर्थिक वृद्धि की गति 'अब भी अपेक्षा से कम है।'

आर्थिक संबंधों को पारदर्शी और भरोसेमंद तथा परस्पर लाभदायक रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए जी20 नेताओं ने कहा कि वे 'बराबरी के अवसरों ' को सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। घोषणा पत्र में संरक्षणवाद के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया गया है जिसमें व्यापार में अनुचित व्यवहार का विरोध भी शामिल है।

जी20 देशों ने साथ ही व्यापार की रक्षा में न्यायोचित उपायों की भूमिका को भी स्वीकार किया है। संयुक्त वक्तव्य में 'नियमबद्ध अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश का लाभ अभी पर्याप्त रूप से व्यापक स्तर पर नहीं फैला है। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब कुछ देशों में संरक्षणवाद बढ़ने को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। इसमें कुशल श्रमिकों के प्रवेश पर पाबंदियों को लेकर चिंताएं भी शामिल हैं।

जी20 ने कहा है कि समावेशी आर्थिक वृद्धि , रोजगार सृजन और स्वास्थ्य विकास में अंतरराष्ट्रीय निवेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। इसके साथ यह भी कहा गया है कि इसके लिए एक खुले, पारदर्शी और अनुकूल वैश्विक नीतिगत वातावरण की जरूरत है।

समूह का कहना है कि कर्ज नीति अब भी आर्थिक वृद्धि के अनुकूल बनी रहेगी साथ ही इसमें कीमत स्थिरता पर भी ध्यान होगा। इन नेताओं ने आर्थिक वृद्धि को समावेशी, निष्पक्ष और न्यायोचित बनाने तथा रोजगार अवसर बढ़ाने को प्रोत्साहन देने की भी बात कही है। उनका यह भी कहना है कि स्वस्थ आर्थिक वृद्धि के लिए एक मजबूत वित्तीय प्रणाली जरूरी होती है। इन देशों ने इसी संदर्भ में वित्तीय क्षेत्र में सुधार का अजेंडा लागू करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई है।

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