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कोराना की दूसरी लहर से प्रभावित सेक्टर्स के लिए क्या जल्द हो सकता है राहत पैकेज का ऐलान? वित्त मंत्री बोलीं- लोगों से मिल रहे हैं इनपुट

वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि इस साल 1 फरवरी को आया केन्द्रीय बजट (Budget 2021) महामारी से त्रस्त भारत के लिए था। उस वक्त हमें पता नहीं था कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) भी आएगी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Jun 2021, 12:09 am

हाइलाइट्स

  • हालांकि इस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कब होगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
  • इस साल 1 फरवरी को आया केन्द्रीय बजट (Union Budget) महामारी से त्रस्त भारत के लिए था।
  • बजट 2021 के प्रस्ताव 1 अप्रैल से लागू हुए और उसके बाद कोविड19 की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी।
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नवभारतटाइम्स.कॉम nirmala1
नई दिल्ली
कोरोनावायरस महामारी (Covid19 Pandemic) की दूसरी लहर से नुकसान का सामना कर रहे विभिन्न सेक्टर्स के लिए हो सकता है कि जल्द ही अच्छी सूचना आए। सरकार प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) पर काम रही है और संभावना लग रही है कि जल्द ही इसका ऐलान किया जाए। टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है राहत पैकेज को लेकर सरकार को लोगों से इनपुट प्राप्त हो रहे हैं, प्रोत्साहन पैकेज पर अभी फैसला लिया जाना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल 1 फरवरी को आया केन्द्रीय बजट (Union Budget) महामारी से त्रस्त भारत के लिए था। उस वक्त हमें पता नहीं था कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) भी आएगी। लेकिन पहली लहर से अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ था, उसकी रिकवरी जरूरी थी और इसलिए वैसा बजट लाया गया। बजट 2021 के प्रस्ताव 1 अप्रैल से लागू हुए और उसके बाद कोविड19 की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। तब से हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं क्योंकि बजट प्रस्तावों के लागू होने का असर देखना भी जरूरी था। साथ ही राज्यों व भारतीय अर्थव्यवस्था के ऑब्जर्वर्स से ज्यादा से ज्यादा इनपुट प्राप्त होने के इंतजार में थे। उन्होंने कहा कि हमें इनपुट मिल रहे हैं और हम प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रहे हैं। अभी इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है।

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यूपीए 2 से विरासत में मिली नाजुक अर्थव्यवस्थाहालांकि इस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कब होगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। भारतीय अर्थव्यवस्था के बहुत ज्यादा अच्छी स्थिति में न होने को लेकर मोदी सरकार की बार-बार होती आलोचनाओं पर वित्त मंत्री ने कहा कि हमें एक नाजुक अर्थव्यवस्था यूपीए-2 से विरासत में मिली। साल 2014-2018 के बीच ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ही प्रयास थे, जिन्होंने अर्थव्यवस्था में जान फूंकी। यूपीए के बेहद बुद्धिमान लोग भी महंगाई को नियंत्रित करने में असफल रहे। यूपीए के कार्यकाल में महंगाई 12.4 फीसदी तक पहुंच गई थी और खाद्य महंगाई ज्यादातर डबल डिजिट में रही। जबकि यूपीए सरकार जब सत्ता में आई तो महंगाई 3.8 फीसदी के लगभग थी। यूपीए 2 की खराब नीतियों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। लेकिन पीएम मोदी और अरुण जेटली के प्रयास अर्थव्यवस्था को फिर ट्रैक पर लाए और देश को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाया जा सका।

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